नई दिल्ली: मोदी सरकार ने 34 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद नई शिक्षा नीति लेकर आई है. ये नीति कैसी है, छात्रों के लिए कितनी शिक्षाप्रद होगी और इससे भविष्य में उनके लिए रोजगार के कितने अवसर उत्पन्न होंगे इस मसले पर केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जवाब दिया है. जावड़ेकर के अनुसार, ये एक नई क्रांति है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रत्येक घर में शिक्षा का महत्व है, क्योंकि हर घर में कोई न कोई सदस्य, कुछ ना कुछ सीखता रहता है. हर एक को आगे बढ़ना है, ज्ञान अर्जित करना है और रोजगार हासिल करना है. इस शिक्षा नीति में ज्ञान मिलेगा, रोजगार मिलेगा, नए रोजगार की संभावना बढ़ेगी और सबसे ख़ास बात तो यह है कि वो एक अच्छा इंसान बनेगा. इसकी बुनियाद इस नई शिक्षा नीति ने रखी है. दूसरा रट लगाकर पास होना इतिहास हो जाएगा और अब बच्चों को समझकर पास होना होगा.
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि 3 से 8 वर्ष तक अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन इन इंडिया नाम से एक नया विषय आरंभ होगा. अभी देखते हैं कि KG में पहली और दूसरी का पाठ पढ़ाते हैं, किन्तु अब वो नहीं होगा बल्कि बच्चों के कॉग्निटिव स्किल का विकास किया जाएगा, जिससे उनका सही विकास होगा. बच्चे खेलते-खेलते सीखें और सीखते-सीखते खेलें. किन्तु उनकी परीक्षा और उनकी वो कॉपी-किताबें अब नहीं रहेंगी. दूसरी कक्षा तक कोई एग्जाम नहीं होगी, इसके बाद पांचवी तक अलग तरह की नीति रहेगी. एक विषय प्रवेश होगा और आठवीं कक्षा तक कुछ अधिक पढ़ाई होगी. उसके बाद अधिक विस्तार से पढ़ाई होगी, ज्ञान होगा ये फर्क होगा. ये शिक्षा में एक नया बदलाव है.
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