गुवाहाटी: असम और भारत सरकार के बीच आज यानी गुरुवार को बेहद अहम समझौते पर हस्ताक्षर होने हैं। आपको बता दें कि शांति प्रक्रिया शुरू होने के 10 साल बाद आज नई दिल्ली में केंद्र और असम सरकार राज्य के आठ आदिवासी उग्रवादी संगठनों के साथ त्रिपक्षीय शांति समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। जी हाँ और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की उपस्थिति में शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। जी दरसल आठ विद्रोही समूह, जिसमें बिरसा कमांडो फोर्स (BCF), आदिवासी पीपुल्स आर्मी (APA), ऑल आदिवासी नेशनल लिबरेशन आर्मी (AANLA), असम की आदिवासी कोबरा मिलिट्री (ACMA) और संथाली टाइगर फोर्स (STF) हैं। इसी के साथ ही शेष तीन संगठन BCF, ANLA, ACMA के अलग- अलग समूह भी शामिल हैं।
आपको बता दें कि BCF, APA, AANLA), ACMA और संथाली टाइगर फोर्स (STF) 2012 से सरकार के साथ संघर्ष विराम में हैं और तब से तब उग्रवादी संगठनों के कार्यकर्ता निर्धारित शिविरों में रह रहे हैं। इन सभी के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि, 'मुझे यकीन है कि समझौते पर हस्ताक्षर से असम में शांति और सद्भाव के एक नए युग की शुरुआत होगी।' आपको बता दें कि इसी साल 27 जनवरी को राज्य के दो उग्रवादी गुटों के कुल 246 विद्रोहियों ने हथियार डाल दिए और मुख्यधारा में लौट आए थे।
जी दरअसल गुवाहाटी के श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में आयोजित एक औपचारिक समारोह में यूनाइटेड गोरखा पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (UGPO) के 169 विद्रोहियों और तिवा लिबरेशन आर्मी (TLA) के 77 विद्रोहियों ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, असम के डीजीपी भास्कर ज्योति के सामने हथियार रखे थे। आपको बता दें कि राज्य में जब से हिमंत बिस्वा सरमा की सरकार आई है तब से उग्रवादी संगठन काफी निष्क्रिय हो गए हैं। जी हाँ और राज्य सरकार समय-समय पर इन संगठनों पर कड़े कदम उठाती रही है।
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