बैंगलोर: कर्नाटक के सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता सिद्धारमैया ने समान नागरिक संहिता (UCC) के मुद्दे को गैरजरूरी विवाद बताते हुए इसे ख़ारिज करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि ये सब अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के कारण केंद्र सरकार द्वारा पैदा किया गया अनावश्यक विवाद है। सिद्धारमैया ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के प्रतिनिधियों से बात करते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि वह अल्पसंख्यकों (मुस्लिमों) के अधिकारों की रक्षा करेंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, सीएम सिद्धारमैया ने उनसे मुलाकात करने आए AIMPLB के प्रतिनिधिमंडल से कहा कि उनकी सरकार अल्पसंख्यक अधिकारों का दमन नहीं होने देगी। राज्य सरकार अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए हरसंभव काम करेगी। इसलिए चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। CMO की तरफ से जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि सीएम सिद्धारमैया से चर्चा के दौरान AIMPLB के सदस्यों ने UCC को लेकर चिंता प्रकट की और कहा कि यदि इसे लागू किया जाता है, तो यह मुस्लिमों के अधिकारों के लिए खतरा होगा। उन्होंने सीएम सिद्धारमैया के सामने दावा करते हुए कहा कि पिछले विधि आयोग ने केंद्र सरकार के प्रस्ताव को यह कहते हुए नकार दिया था कि इस विविधतापूर्ण देश में UCC का कार्यान्वयन संभव नहीं है।
AIMPLB प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में से एक के हवाले से बताया गया है कि अब केंद्र सरकार ने मौजूदा विधि आयोग से इस मामले की दोबारा समीक्षा करने के लिए कहा है। लिहाजा विधि आयोग जनता से उनके विचार ले रहा है। जवाब में सिद्धारमैया ने कहा कि हम UCC के ड्राफ्ट के प्रकाशन के बाद जवाब देंगे। हमारी सरकार कभी भी अल्पसंख्यक अधिकारों का दमन नहीं होने देगी। केंद्र सरकार चुनाव के मद्देनजर गैरजरूरी विवाद पैदा कर रही है। इसके साथ ही मुस्लिम पर्सनल लॉ के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने सरकार से वक्फ संपत्तियों की रक्षा करने और अतिक्रमण हटाने का भी आग्रह किया।
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