बेंगलुरु: कर्नाटक के गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने बीते शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को मेंगलुरु विस्फोट मामले की जांच करने का निर्देश दिया है। इसी के साथ ज्ञानेंद्र ने एक बयान में यह भी कहा कि राज्य सरकार ने चलते ऑटोरिक्शा में कुकर बम विस्फोट मामले की एनआईए जांच की सिफारिश की थी, जिसे केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया और देश की प्रमुख जांच एजेंसी द्वारा जांच का आदेश दिया। जी दरअसल कर्नाटक के गृह मंत्री ने कहा, 'कांकानाडी पुलिस थाने की सीमा के भीतर हुई इस घटना के संबंध में, राज्य सरकार ने प्रारंभिक जांच के दौरान एकत्र किए गए सबूतों और अन्य सूचनाओं के आधार पर एनआईए जांच की सिफारिश करने का निर्णय लिया था।'
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इसी के साथ आपको यह भी बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय में अवर सचिव विपुल आलोक ने एक आदेश में कहा, 'केंद्र सरकार की यह राय है कि एनआईए अधिनियम, 2008 के तहत एक अनुसूचित अपराध किया गया है और अपराध की गंभीरता और राष्ट्रीय सुरक्षा पर इसके प्रभाव को ध्यान में रखते हुए इसकी जांच एनआईए द्वारा की जानी चाहिए।' इसके अलावा आदेश में यह भी कहा गया, 'इसलिए, अब एनआईए अधिनियम, 2008 की धारा आठ के साथ पठित धारा छह की उप-धारा (5) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार एनआईए को उपरोक्त मामले की जांच करने का निर्देश देती है।'
आपको बता दें कि इस महीने की 19 तारीख को मेंगलुरू में एक ऑटोरिक्शा में धमाका हुआ था जिसमें यात्री और चालक घायल हो गये थे। वहीं पुलिस ने इसे आतंकी कार्रवाई करार दिया और यात्री को इस घटना के लिये आरोपित किया है जिसकी पहचान मोहम्मद शारिक के रूप में की गयी है। आपको यह भी बता दें कि एक अनजान से संगठन ‘इस्लामिक रेजिस्टेंस काउंसिल’ (आईआरसी) ने कर्नाटक के मंगलुरु में 19 नवंबर को हुए धमाके को कथित तौर पर अंजाम देने का दावा किया है। जी दरअसल आईआरसी ने कहा है कि उसके ‘मुजाहिद भाई मोहम्मद शारिक’ ने ‘कादरी में एक हिंदू मंदिर’ पर हमले की कोशिश की थी।
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