नई दिल्ली : हैदराबाद के केंद्रीय विश्वविद्यालय में शोधार्थी छात्र रोहित वेमुला द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में केंद्र सराकर ने पैनल की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से मना कर दिया है। केंद्र ने इसे विचारार्थ रखा है। दरअसल इस मामले में सूचना के अधिकार के तहत सवाल किए गए थे। मिली जानकारी के अनुसार पीटीआई की ओर सूचना के अधिकार के तहत सवाल दायर किए गए थे। जिसके जवाब में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा यह कहा गया कि इस तरह की फाईल विचारार्थ है। जिसे लेकर रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध नहीं करवाई जा सकती है।
गौरतलब है कि शोधार्थी छात्र रोहित वेमुला समेत कुछ छात्रों को डिटेन कर दिया गया था। छात्रों पर निलंबन की कार्रवाई होने के बाद रोहित ने आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में जमकर राजनीति हुई थी और कांग्रेस ने दलित छात्र की मौत का आरोप लगाते हुए भाजपा को निशाने पर लिया था। अब केंद्र सरकार ने कहा है कि वह जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं कर सकती है।
गौरतलब है कि इस आत्महत्या और हंगामे के प्रकरण पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश अशोक कुमार रूपनवाल के नेतृत्व में जांच आयोग का गठन किया गया था। आयोग को विश्वविद्यालय में छात्रों द्वारा उठाई जाने वाली परेशानियों का निराकरण का सुझाव देने और स्थिति की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए थे। दूसरी ओर आयोग ने भी छात्र के दलित होने पर सवाल उठाए थे मगर कहा है कि उसकी आत्महत्या के पीछे व्यक्तिगत कारण हैं।