नई दिल्ली: भारत में ईसाई मिशनरियों की गतिविधियाँ निरंतर बढ़ती ही जा रही है। कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुए संकट का भी मिशनरियों ने अच्छा-खासा लाभ उठाया है। बाइबिल का कई भाषाओं में अनुवाद करने के मिशन पर काम कर रही संस्था ‘अनफोल्डिंग वर्ल्ड’ के CEO डेविड रीव्स के बयान से यह पता चला है। उनका दावा है कि कोरोना काल के दौरान चर्चों ने भारत में 50,000 गाँवों को गोद लिया।
‘मिशन न्यूज़ नेटवर्क (MNN) ऑनलाइन’ से बात करते हुए डेविड रीव्स ने कहा कि भारत में कोरोना काल के दौरान उतने चर्चों का निर्माण हुआ, जितने विगत 25 सालों में हुआ था। उन्होंने आगे कहा कि लाखों लोग अब ईसा मसीह पर विश्वास कर रहे हैं और चर्च में प्रार्थना करने के लिए पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी संस्था भारत के अलग-अलग इलाकों में लोगों को बाइबिल का स्थानीय भाषाओं में अनुवाद करने के लिए साधन उपलब्ध करा रही है।
उन्होंने बताया है कि ‘अनफोल्डिंग वर्ल्ड’ पादरियों को मजबूत करने के मिशन में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत के लोग महामारी में किसी से मिल-जुल नहीं सकते थे, तो उन्होंने प्रार्थना करना आरंभ की। फोन और व्हाट्सएप्प से उन तक ये प्रार्थनाएँ पहुँचीं। रीव्स ने इसके बाद बड़ा दावा किया कि महामारी के दौरान 1 लाख लोगों का ईसाई धर्म में धर्मांतरण किया गया। उन्होंने बताया कि हर चर्च को 10 गाँवों में प्रार्थना आयोजित करने के लिए कहा गया।
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