खंडवा: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में इंदौर लोकायुक्त की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सेंट्रल जीएसटी (CGST) के एक अधिकारी को 20,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई खरगोन जिले के सनावद निवासी एक अकाउंटेंट राहुल बिरला की शिकायत पर की गई। राहुल GST रिटर्न और एकाउंटिंग का काम करते हैं।
राहुल ने लोकायुक्त इंदौर के एसपी राजेश सहाय को शिकायत की थी कि CGST सुपरिटेंडेंट मुकेश त्रिपाठी ने एक फर्म का सस्पेंड रजिस्ट्रेशन बहाल करने और दो अन्य फर्मों के रजिस्ट्रेशन में सुधार करने के लिए रिश्वत मांगी थी। त्रिपाठी ने एक मेडिकल फर्म का रजिस्ट्रेशन सस्पेंड किया था, जिसे फिर से सक्रिय करना था। इसके अलावा, तीन अन्य फर्मों में भी अमेंडमेंट की आवश्यकता थी, जिसके लिए रिश्वत मांगी गई थी।
लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि शिकायत की जांच की गई और सत्यापन के बाद कार्रवाई का प्लान तैयार किया गया। तय योजना के अनुसार, सीजीएसटी खंडवा के सुपरिटेंडेंट मुकेश त्रिपाठी को उनके कार्यालय में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया गया। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि इंदौर लोकायुक्त की टीम ने इसी सप्ताह, बुधवार को भी खरगोन जिले के कसरावद में एमपीआरआरडीए के एक सब-इंजीनियर को 15 लाख 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया था। यह कार्रवाई लोकायुक्त की भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती दिखाने वाली पहल का हिस्सा है।
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