आज यानी 21 मार्च को चैत्र अमवास्या है। इस दिन अतृप्त आत्माएं अधिक सक्रिय होती है। ऐसे में अमास्या के दिन कुछ ऐसे काम है जो नहीं करना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि अमावस्या पर नकारात्क शक्तियां का प्रभाव तेज होता है। जिससे मानसिक एवं शारीरिक तौर पर हानि पहुंच सकती है। चैत्र अमावस्या के दिन देर तक न सोएं। इस दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान की प्रथा है। इससे पितर खुश होते हैं।
वही चैत्र मतलब भूतड़ी अमावस्या की रात किसी सुनसान जगह पर न जाएं, विशेष तौर पर शमशाम के आसपास। अमावस्या तिथि पर शारीरिक संबंध नहीं बनना चाहिए। गरुण पुराण के मुताबिक, अमावस्या पर दैहिक संबंध बनाने से पैदा होने वाली संतान को जीवन में कई दिक्कतें झेलनी पड़ती है।
अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित हैं। ऐसे में परिवार वाले वाद-विवाद न करें। कहा जाता हैं कि इससे पितरों की आत्मा को ठेस पहुंचती है तथा उनकी कृपा नहीं मिलती। इस दिन नशा एवं तामसिक भोजन न करें, मान्यता है इससे पितृ दोष लगता है तथा पितर नाराज हो जाते हैं। इससे आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। अमावस्या के दिन पितरों बाल-नाखून कटवाने से बचना चाहिए। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार तो ऐसा करने से पितृ दोष होता है।
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