हम सभी इस बात से वाकिफ हैं कि चैत्र नवरात्रि इस बार 6 अप्रैल से यानी आज से शुरु हो गई है. आप सभी को बता दें कि इन नौ दिनों में पहले दिन दुर्गा के पहले स्वरूप को 'शैलपुत्री' के नाम से जाना जाता हैं. तो आइए जानते हैं माँ शैलपुत्री की पूजा विधि, मंत्र और भोग.
मां दुर्गा के स्वरूप शैलपुत्री की पूजा विधि - इसके लिए मां शैलपुत्री की तस्वीर रखें और उसके नीचें लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछायें। इसके ऊपर केसर से शं लिखें और उसके ऊपर मनोकामना पूर्ति गुटिका रखें। इसके बाद हाथ में लाल पुष्प लेकर शैलपुत्री देवी का ध्यान करें। इसके बाद ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ओम् शैलपुत्री देव्यै नम:। मंत्र के साथ ही हाथ के पुष्प मनोकामना गुटिका एवं मां के तस्वीर के ऊपर छोड दें। इसके बाद भोग प्रसाद अर्पित करें तथा मां शैलपुत्री के मंत्र का जाप करें। यह जप कम से कम 108 होना चाहिए तभी आपको लाभ होगा.
माता उपासना के लिए मंत्र: वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
माता शैलपुत्री को भोग - मां शैलपुत्री के चरणों में गाय का घी अर्पित करने से भक्तों को आरोग्य का आशीर्वाद मिलने लगता है इसी के साथ मन एवं शरीर दोनों ही निरोगी बना रहता है.
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