आप सभी जानते ही हैं कि नवरात्रि प्रारम्भ हो चुकी है ऐसे में आज नवरात्रि का तीसरा दिन है. ऐसे में इस दिन माँ दुर्गाजी की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है जिनकी आराधना करते हैं. कहते हैं नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन की पूजा का अत्यधिक महत्व है और इस दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन-आराधन किया जाता है. इसी के साथ इस दिन साधक का मन 'मणिपूर' चक्र में प्रविष्ट होता है और माँ चंद्रघंटा की कृपा से अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं, दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है तथा विविध प्रकार की दिव्य ध्वनियाँ सुनाई देती हैं. ऐसे में इस दिन भक्तों को अत्यंत सावधान रहने कि आवश्यकता होती है. आज के दिन माँ की आरती बड़े विधान से करनी चाहिए. तो आइए जानते हैं आज चंद्रघंटा माँ की आरती.
"आरती"
जय माँ चन्द्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे काम॥
चन्द्र समाज तू शीतल दाती।
चन्द्र तेज किरणों में समाती॥
क्रोध को शांत बनाने वाली।
मीठे बोल सिखाने वाली॥
मन की मालक मन भाती हो।
चंद्रघंटा तुम वर दाती हो॥
सुन्दर भाव को लाने वाली।
हर संकट में बचाने वाली॥
हर बुधवार को तुझे ध्याये।
श्रद्दा सहित तो विनय सुनाए॥
मूर्ति चन्द्र आकार बनाए।
शीश झुका कहे मन की बाता॥
पूर्ण आस करो जगत दाता।
कांचीपुर स्थान तुम्हारा॥
कर्नाटिका में मान तुम्हारा।
नाम तेरा रटू महारानी॥
भक्त की रक्षा करो भवानी।
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