आप सभी को बता दें कि देवी आराधना का महापर्व चैत्र नवरात्र छह अप्रैल से आरंभ हो रहे हैं और इसमें पांच बार सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है. ऐसे में माता घोड़े पर सवार होकर आ रहीं हैं और विक्रमी संवत 2076 हिंदू नववर्ष भी इसी दिन से आरंभ होगा. ऐसे में नवरात्र में पांच सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ ही दो रवि और रवि पुष्य का भी संयोग मिल रहा है और नवरात्र पूरे नौ दिन के हैं. आप सभी को बता दें कि शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा पांच अप्रैल को दोपहर 2:20 बजे से प्रारम्भ हो गई और यह छह अप्रैल को अपराह्न 3:24 बजे तक रहेगी.
ऐसे में आइए जानते हैं विक्रमी संवत 2076 का भी शुभारम्भ, घट स्थापना सवेरे 6:09 से 10:19 बजे तक
मुहूर्त - 'सुबह 6:09 से 10:19 तक घट स्थापना का श्रेष्ठ समय.
'अभिजित मुहूर्त 12:11 से 12:59 तक
'स्थिर लग्न-8 बजे से 10 बजे
'शुभ चौघड़यिा- 8 से 9:30
घट स्थापना के मंत्र
'ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे
'ऊं ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे
'ऊं श्रीं ऊं
आप सभी को बता दें कि घट स्थापना के लिए शनिवार को प्रात: 4 घंटे दस मिनट मिल रहे हैं और यदि इस अवधि में नहीं कर सकें तो अभिजीत मुहूर्त में अवश्य कर लें. ज्योतिषों के अनुसार मुहूर्त में ही घट स्थापना का महत्व है और मिट्टी के कलश पर स्वास्तिक बनाकर उसके गले में मौली बांध कर उसके नीचे गेहूं या चावल रखकर उसके ऊपर नारियल रखना चाहिए. इसी के साथ चैत्र नवरात्रि के साथ ही विक्रमी संवत 2076 परिधावी संवत का प्रारम्भ होगा और इस साल के राजा शनि और मंत्री सूर्यदेव हैं.
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