आप सभी को बता दें कि मां दुर्गाजी का आठवां रूप मां महागौरी हैं और नवरात्र में आठवें दिन मां की आराधना करते हैं. ऐसे में अति गौर वर्ण होने के कारण मां को महागौरी कहा जाता है और मां की आराधना से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं. कहते हैं इससे सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है और हर मनोकामना पूर्ण होती है. आपको बता दें कि मां महागौरी आदि शक्ति हैं और इनके तेज से ही यह जगत प्रकाशमान है. ऐसे में शुंभ-निशुम्भ से पराजित होने के बाद देवताओं ने मां महागौरी की प्रार्थना की थी और मां महागौरी को शिवा और शाम्भवी नाम से भी जाना जाता है.
कहते हैं भगवान शिव द्वारा मां पार्वती के सांवले रंग पर कहे गए शब्दों से नाराज होकर मां पार्वती कठोर तपस्या करने चली गईं और वर्षों की तपस्या के बाद भगवान शिव ने उन्हें गौर वर्ण का वरदान दिया और तभी से मां पार्वती का नाम गौरी पड़ा. इसी के साथ माता सीता ने भगवान श्रीराम की प्राप्ति के लिए मां महागौरी की पूजा की थी और मां की आराधना से शादी-विवाह में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं.
इसी के साथ बैल पर सवार मां महागौरी के गले में सफेद पुष्पों की माला है और नवरात्र के आठवें दिन कन्या पूजन और उन्हें प्रेमपूर्वक भोजन कराने का विशेष महत्व है. कहा जाता है अगर सौभाग्य प्राप्ति चाहिए तो आज के दिन मां को चुनरी भेंट करें.
मां दुर्गा को भोजन बनाने चला था शेर लेकिन बन गया सवारी
अगर अष्टमी, नवमी तिथि को लेकर है असमंजस तो पढ़ें यह खबर
नवरात्री के सातवें दिन जरूर पढ़े काली माँ चालीसा, होंगे सभी भी दूर