25 मार्च, बुधवार 2020 से मां का पावन पर्व शुरु होने जा रहा है। इसके साथ ही चैत्र नवरात्रि के इन नौ दिनों में अगर आप इन नौ चीजों से मां जगदंबा की पूजा करना होगा तो आपकी सभी कामनाएं सिद्धि हो जाएंगी और मां का आशिर्वाद आपको मिल सकता है । नवरात्रि के प्रारंभ से ही नए हिंदू वर्ष की भी शुरुआत हो जाती है। चलिए जानते है, इन 9 दिनों में किन चीजों के प्रयोग से मां का आशिर्वाद मिलता है।
पहली नवरात्रि पर
नवरात्रि के पहले दिन प्रतिपदा को गौ घृत से षोडशौपचार पूजा कर गौ धृत अपर्ण करें। इससे आरोग्य लाभ होता है।
दूसरी नवरात्रि पर
द्वितीया तिथि को शक्कर का भोग उसे दान करें। वहीं शक्कर का दान दीर्घायु कारक होता है।
तीसरी नवरात्रि पर
तृतीया तिथि को दूध की प्रधानता होती है। पूजन में दूध का उपयोग कर उसे ब्राह्मण को दान करें। दूध का दान दुखों से मुक्ति का परम साधन होता है।
चौथी नवरात्रि पर
चतुर्थी तिथि को मालपुआ का नैवेद्य अर्पण करें। सुयोग्य ब्राह्मण को दान करें। इससे बुद्धि का विकास होता है। निर्णय शक्ति में असाधारण विकास होता है।
पांचवी नवरात्रि पर
पंचमी तिथि को केले का नैवेद्य चढ़ावें प्रसाद ब्राह्मण को दान करें। इससे बुद्धि का विकास होता है। निर्णय शक्ति में असाधारण विकास होता है।
छठी नवरात्रि पर
षष्ठी तिथि को मधु का विशेष महत्व है। मधु से पूजन कर ब्राह्मण को दान करने से स्वरूप में आकर्षण का उदय होता है और सुंदरता में वृद्धि होती है।
सातवीं नवरात्रि पर
सप्तमी तिथि को गुड़ का नैवद्य अर्पण ब्राह्मण को करना शोक मुक्ति का कारक है। गुड़ दान से आकस्मिक विपत्ति से रक्षा होती है।
आठवीं नवरात्रि पर
अष्टमी तिथि को नारियल का भोग लगाना और नारियल का दान करना संताप रक्षक है। किसी भी प्रकार की पीड़ा का शमन होता है।
नवमीं नवरात्रि पर
नवमी तिथि को धान के लावा से पूजा करना चाहिए। धान के दान करने से लोक परलोक का सुख प्राप्त होता है। दशम तिथि को काले तिल का नैवेद्य का अर्पण का दान करने से परलोक का भय नहीं होता है।
जिनके शरीर के इन हिस्सों में होता है तिल होते है धनवान