आज 18 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का छठा दिन है। आप सभी को bta दें कि हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। कहा जाता है माता कात्यायनी की विधि -विधान से पूजा करने से भक्तों पर उनकी कृपा बरसती है। ऐसी मान्यता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से जिन लड़कियों की शादी में अड़चन आ रही हो वह दूर हो जाती हैं। इसी के साथ ऐसी लड़कियों को सुयोग्य वर की प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। आज माता का पूजन कर आपको यह कथा पढ़नी या सुननी चाहिए जो हम आपको बताने जा रहे हैं।
मां कात्यायनी की पौराणिक कथा- पौराणिक कथाओं के अनुसार, देव ऋषि कात्यायन मां दुर्गा के परम उपासक थे। एक बार देव ऋषि कात्यायन ने देवी दुर्गा की कठोर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर देव ऋषि के सामने प्रकट हुई और बोली वत्स मैं तुम्हारी तपस्या से अति प्रसन्न हूं। जो वर मांगना चाहते हो, मांगों। देव ऋषि ने मां भगवती से वर मांगते हुए कहा कि आप मेरे घर पुत्री के रूप में जन्म लो। देव ऋषि की बात सुनकर मां भगवती ने ऐसा होने का बरदान देकर अंतर्ध्यान हो गई।
उसके बाद मां दुर्गा भगवती ने ऋषि कात्यायन के घर पुत्री के रुप में जन्म लिया। ऋषि कात्यायन की पुत्री होने के कारण ही देवी मां के इस अवतार को मां कात्यायनी कहा गया। धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि मां कात्यायनी की पूजा स्वयं भगवान राम और श्रीकृष्ण ने भी की थी। यह भी मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण को पति के रूप में पाने के लिए माता रानी के इस स्वरूप { मां कात्यायनी} की उपासना गोपियों ने भी की थी।
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