चैत्र नवरात्रि का आरम्भ 22 मार्च, बुधवार को हुआ था. नवरात्रि के दो दिन अष्टमी एवं नवमी बड़े ही विशेष माने जाते हैं. 29 मार्च, बुधवार मतलब कल महाअष्टमी का कन्या पूजन होगा. इसे दुर्गाष्टमी भी बोलते हैं. दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की आराधना की जाती है. इसलिए इसे महाअष्टमी भी बोलते हैं. देवी महागौरी की पूजा अर्चना से जीवन में आ रही कई समस्याओं को दूर किया जा सकता है. महाष्टमी को दुर्गा पूजा का मुख्य दिन माना जाता है. इस दिन कुछ विशेष त्रुटियां करने से बचना चाहिए.
अष्टमी के दिन ना करें ये त्रुटियां:-
1- अष्टमी पूजन का नवरात्रि में बहुत महत्व है. इस दिन शुभ मुहूर्त को ध्यान में रखकर ही पूजा करें. मुहूर्त गुजरने के पश्चात् पूजा का महत्व नहीं रह जाता है.
2. अष्टमी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर पूजा करनी चाहिए. इस दिन देर से नहीं सोना चाहिए. यदि आपने व्रत नहीं भी रखा है तो भी उठकर स्नान करें एवं पूजा अवश्य करें.
3. अष्टमी पर पूजा के पश्चात् दिन में नहीं सोना चाहिए. ऐसा करने से साधक को पूजा का फल प्राप्त नहीं होता है.
4. यदि आपने अष्टमी का व्रत रखा है तो नवमी के दिन कन्या पूजन से पहले कुछ भी ना खाएं. कन्या पूजन एवं उन्हें विदा करने के पश्चात् ही व्रत का विधिवत पारण करें. इससे माता रानी की कृपा बनी रहती है एवं उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है.
5. महाअष्टमी के दिन दुर्गा चालीसा, मंत्र या सप्तशती के पाठ के वक़्त किसी दूसरे से बात न करने लग जाएं. ऐसा करने से आपकी पूजा का फल नकारात्मक शक्तियां ले जाती हैं.
6. संधि काल का वक़्त दुर्गा पूजा के लिए सबसे शुभ माना जाता है. संधि काल के समय 108 दीपक जलाए जाते हैं. अष्टमी के दिन संधि काल में ही दीपक प्रज्वलित शुभ माना जाता है. संधि काल का ध्यान रखें.
7. अष्टमी के दिन हवन किए बिना पूजा न करें. हवन किए बिना नवरात्रि की पूजा अधूरी मानी जाती है. ध्यान रखें कि हवन करते समय आहुति की सामग्री कुंड से बाहर ना जाए.
8. अष्टमी पर नीले या काले रंग के वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए. उससे घर नकारात्मकता आती है. इस दिन पीले या लाल रंग के वस्त्र धारण करना शुभ होता है.
महाअष्टमी शुभ मुहूर्त:-
इस वर्ष अष्टमी कल मतलब 29 मार्च, बुधवार को है. हिंदू पंचांग के मुताबिक, अष्टमी तिथि का आरम्भ 28 मार्च, बुधवार आज शाम 07 बजकर 02 मिनट पर हो जाएगा एवं इसका समापन 29 मार्च कल रात 09 बजकर 07 मिनट पर होगा. कल ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 04 बजकर 42 मिनट से 05 बजकर 29 मिनट तक रहेगा. महाअष्टमी का अमृत मुहूर्त प्रातः 09 बजकर 02 मिनट से प्रातः 10 बजकर 49 मिनट तक रहेगा. कल भद्रा काल प्रातः 06 बजकर 15 मिनट से प्रातः 08 बजकर 01 मिनट तक रहेगा, तत्पश्चात, कन्या पूजन किया जा सकता है.
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