आज चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन है। कहा जाता है आज के दिन माँ कालरात्रि का पूजन किया जाता है। माँ कालरात्रि का पूजन करने से बहुत से दुखों का अंत हो जाता है। माँ कालरात्रि की पूजा से संपूर्ण मनोकामना पूर्ण होती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं मां कालरात्रि पूजा विधि, उनका मंत्र और उनका भोग।
मां कालरात्रि पूजा विधि- मां कालरात्रि की पूजा के लिए लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए। कहा जाता है मकर और कुंभ राशि के जातको को कालरात्रि की पूजा करने से सबसे अधिक लाभ और फायदे होते हैं। आप सभी को बता दें कि अगर आपको कोई परेशानी हो तो सात या नौ नींबू की माला देवी को चढ़ा दें क्योंकि इससे लाभ होगा। आज रात्रि में तिल या सरसों के तेल की अखंड ज्योति जलाएं। इसके अलावा आप सिद्धकुंजिका स्तोत्र, अर्गला स्तोत्रम, काली चालीसा, काली पुराण का पाठ कर सकते हैं क्योंकि यह सभी शुभ फल देने वाले हैं। अगर सम्भव हो तो आज रात्रि संपूर्ण दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
मंत्र-
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी। वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
मां कालरात्रि को भोग- कहा जाता है मां को खुश करने के लिए गुड़ या गुड़ से बने व्यंजनों का भोग लगाया जा सकता है क्योंकि ऐसा करने से दरिद्रता का नाश हो जाता है।
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