आप सभी को बता दें कि देवी आराधना का पर्व नवरात्रि इस बार 6 अप्रैल से शुरू हो रहा है और इसे में ज्योतिष के अनुसार इस बार नवरात्र रेवती नक्षत्र के साथ शुरू हो रहा है. ज्योतिषों के अनुसार उदय काल में रेवती नक्षत्र का योग साधना व सिद्धि में पांच गुना अधिक शुभ फल प्रदान करने वाला है और रेवती नक्षत्र पंचक का पांचवां नक्षत्र है. ऐसे में इस नक्षत्र का शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से एक घंटे तक स्पर्श होना, वह भी उदय काल से करीब 45 मिनट तक रहना, तंत्र साधना की दृष्टि से सर्वोत्तम है.
आप सभी को बता दें कि इस बार यह नवरात्रि यंत्र, तंत्र व मंत्र सिद्धि के लिए विशेष मानी जा रही है क्योंकि इस बार बहुत शानदार योग बन रहे हैं. इन सभी में धन प्राप्ति के लिए किए जाने वाले उपाय भी कारगर होंगे और इस बार नौ दिनों के इस नवरात्र में पांच बार सर्वार्थ सिद्धि और दो बार रवियोग आने वाला है. आप सभी को बता दें कि यह शास्त्रों की दृष्टि से श्रेष्ठ माना जा रहा है.
ऐसे योगों में देवी साधना का विशेष फल प्राप्त होता है और धन तथा धर्म की वृद्धि करने वाली यह नवरात्रि इस बार खास मानी जा रही है. इसी के साथ पुष्य नक्षत्र का संयोग भी इस बार ख़ास बन रहा है जो सभी के लिए ख़ास होने वाला है. आप सभी को बता दें कि इस बार नवरात्रि काफी ख़ास होने वाली है और इस बार आप व्रत रखकर मनचाहा वरदान पा सकते हैं.
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