रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन इन दिनों राजनीतिक हलचलों के केंद्र में हैं। रविवार को उन्होंने कोलकाता का दौरा किया था, और अब वह दिल्ली में हैं। सूत्रों के अनुसार, चंपाई सोरेन नई दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) से बगावत की खबरों के बीच चंपाई सोरेन का यह दौरा खास माना जा रहा है, क्योंकि उनका विरोध अब खुलकर सामने आ चुका है।
चंपाई सोरेन हाल के दिनों में झामुमो से अलग होकर नई राजनीतिक दिशा की ओर बढ़ते नजर आ रहे हैं। शनिवार को भी उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया और इस दौरान इशारा दिया कि वह नए राजनीतिक साथियों की तलाश में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह अगले दो-तीन दिनों में अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर स्पष्ट स्थिति पेश करेंगे। इसलिए, इस दिल्ली दौरे के महत्व पर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। माना जा रहा है कि इस दौरे के बाद चंपाई सोरेन का अगला कदम साफ हो जाएगा।
शनिवार को सरायकेला खरसावां में चंपाई सोरेन ने जनता से समर्थन मांगा और कहा कि वह 24 साल बाद एक नया अध्याय शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "आने वाले दिनों में हम झारखंड की जनता, आदिवासियों और गरीबों के लिए काम करेंगे। हम झारखंड का एक नया पहचान बनाएंगे और सभी को आगे बढ़ने का और सम्मान के साथ जीने का अवसर देंगे। जैसे आप अब तक हमें प्यार देते आए हैं, वैसे ही आगे भी दीजिए।" उन्होंने यह भी कहा, "24 साल के बाद हम एक नया अध्याय शुरू कर रहे हैं। मैंने हमेशा गरीबों के लिए आवाज उठाई है और मुझे विश्वास है कि इस नए अध्याय में भी आप मेरा साथ देंगे। हम झारखंड के आदिवासियों, गरीबों और युवाओं के लिए काम करेंगे।"
चंपाई सोरेन ने अपनी बगावती स्थिति के बाद तीन संभावनाओं का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था, "मैं राजनीति से संन्यास नहीं लूंगा। मैंने तीन विकल्प बताए थे - रिटायरमेंट, संगठन, या दोस्त। मैं रिटायर नहीं होऊंगा, बल्कि पार्टी को मजबूत करूंगा, नई पार्टी बनाऊंगा और अगर रास्ते में कोई अच्छा दोस्त मिलता है, तो उसके साथ आगे बढ़ूंगा।" चंपाई सोरेन के इन बयानों और कदमों के आधार पर यह साफ हो रहा है कि वह झारखंड की राजनीति में एक नया मोड़ लेने जा रहे हैं। उनकी दिल्ली यात्रा को इस नए राजनीतिक अध्याय के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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