वैसे तो हम सभी इस बात को जानते हैं कि दान देना एक अच्छा और बहुत सही काम माना जाता है, लेकिन यदि इस दान को सही लोगों को दिया जाए तो ही यह नेकी का काम है अन्यथा दान देने से कोई फायदा नही है. जी हाँ, आचार्य चाणक्य के अनुसार भूल से भी ऐसे 3 लोगों को बिल्कुल दान नहीं दिया जाए तो ही उचित होता है. आइए जानते हैं उन 3 लोगों के बारे में कि वह कौन हैं.
चाणक्य नीति:
1. कहा जाता है ऐसे व्यक्ति जो पहले से ही अमीर हैं और उन्हें पैसों की कोई कमी नही है उन्हें दान देने का कोई मतलब नही है क्योंकि ऐसे लोगों को दान देकर भी आप पुण्य का काम नही कर रहे हैं.
2. कहते हैं ऐसा व्यक्ति जो गरीब तो है लेकिन शराबी है उसे भूल से भी दान न दें क्योंकि एक शराबी इंसान को दान देना मतलब खुद के पैसे को बर्बाद करने जैसा है और ऐसे दान से आपका कोई फायदा नही.
3. कहा जाता है दुष्ट इंसान को भूल से भी दान नही देना चाहिए भले ही वो गरीब क्यों न हो क्योंकि दुष्ट इंसान कभी भी आपके उपकार को दूसरों से नही बताएगा बल्कि वो आपकी बुराई ही करेगा. इस वजह से ऐसे इंसान को दान देने का कोई मतलब नही.
यह थे वह 3 आदमी जिन्हें दान देकर खुद के पैसे की बर्बादी करना है इस कारण से जब भी दान दे सोच समझकर दें. ऐसे इंसान को कभी भी दान देकर अपना पैसा बिल्कुल बर्बाद न करें. चाणक्य कहते हैं दान उन्हें दीजिए जो सच मे इनके हकदार हैं.
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