नई दिल्ली: आईसीआईसीआई बैंक के जिस बोर्ड ने बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर को 10 माह पूर्व वंशवाद और पद के दुरूपयोग करने के आरोप से क्लीन चिट दी थी उस मामले में अब बोर्ड ने अपना निर्णय बदल दिया है। शीर्ष अदालत के जज जस्टिस बी एन श्रीकृ्ष्णा की जांच के बाद बैंक ने अपना रवैया बदल लिया है। जांच के बाद बैंक ने ना सिर्फ चंदा कोचर को बर्खास्त करने का निर्णय लिया है, बल्कि 2009 के बाद कोचर को दिए गए सभी बोनस को भी वापस लेने का भी निर्णय लिया है।
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दरअसल, वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत की कंपनी को करोड़ों रुपए का लोन देने के मामले में चंदा कोचर पर धांधली का आरोप लगा था। इस फर्म में दीपक कोचर, जो कि चंदा कोचर के पति हैं के साथ उनके दो अन्य रिश्तेदार शामिल थे। फर्म को 3250 करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया था। मार्च 2018 में बैंक ने कहा था कि इस मामले में किसी भी तरह की धांधली नहीं हुई है ना ही किसी को लाभ पहुंचाया गया है। बोर्ड को सीईओ और एमडी चंदा कोचर पर पूरा विश्वास है।
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सुप्रीम कोर्ट के जज की रिपोर्ट के बाद बोर्ड ने अपना रवैया बदल दिया है। बुधवार को जारी एक बयान में आईसीआईसीआई ने बैंक ने कहा है कि चंदा कोचर को बैंक से बाहर किया जा रहा है। बोर्ड के निर्णय के बाद चंदा कोचर ने कहा है कि वे इस से काफी निराश, दुखी और आश्चर्यचकित हैं। उन्होंने कहा है कि इस फैसले की प्रतिलिपि मुझे नहीं दी गई है। मैंने अपने प्रोफेशन को पूरी संजीदगी, ईमानदारी और पेशेवर तरीके से अपनाया था, मुझे पूरा विश्वास है कि सत्य जल्द सबके सामने आएगा।
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