लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कासगंज में 3 सितंबर को जिला न्यायालय के गेट से गायब हुईं अधिवक्ता मोहिनी तोमर की लाश हजारा नहर में मिलने के बाद जिले में तनाव की स्थिति है। इस मामले में पुलिस ने तहरीर मिलने के बाद चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से दो आरोपियों के नाम हैदर और मुस्तफा बताए गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स में इस हत्या को लेकर दो थ्योरी सामने आ रही हैं। एक तरफ कहा जा रहा है कि मोहिनी तोमर की हत्या उनके हाल ही में चल रहे एक केस के कारण हुई, जबकि दूसरी तरफ इसे 6 साल पुराने चंदन गुप्ता केस से जोड़कर देखा जा रहा है। मोहिनी तोमर हाल ही में शिवशंकर नामक व्यक्ति के मामले की पैरवी कर रही थीं। शिवशंकर ने बताया कि कुछ समय पहले एक क्रिकेट मैच के दौरान हैदर, मुस्तफा और सलमान की टीम ने उसे गालियाँ दी थीं और मारपीट भी की थी। इसके बाद मोहिनी इस मामले में कोर्ट में शिवशंकर की ओर से केस पेश कर रही थीं। जब मामला हाई कोर्ट में जाने वाला हुआ, तो उन्हें धमकियाँ मिलने लगीं और फिर मोहिनी का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई।
कासगंज में महिला अधिवक्ता मोहिनी तोमर जो कि जानी मानी अधिवक्ता थीं 2 सितम्बर को अपने घर से स्कूटी से निकली और लापता हो गयीं...
— ????????Jitendra pratap singh???????? (@jpsin1) September 9, 2024
मोहिनी तोमर कोई सामान्य घरेलू महिला न थीं... जानी मानी अधिवक्ता थीं... और पिछले कुछ समय से लगातार कुछ केस के चलते उन्हें धमकाया जा रहा था
पहला केस… pic.twitter.com/APCnPNiat3
वहीं, मोहिनी के पति ने FIR में बताया है कि उनकी पत्नी कुछ समय से परेशान थीं। जब उन्होंने इसका कारण पूछा, तो पता चला कि मोहिनी ने मुस्तफा कामिल के बेटों की जमानत का विरोध किया था, जिसके बाद उन्हें धमकियाँ मिल रही थीं। इसके अलावा मुनाजिर रफी का नाम भी इस FIR में सामने आया है, जो चंदन गुप्ता हत्या मामले में आरोपी था। मोहिनी ने उस मामले में भी रफी की जमानत का विरोध किया था। FIR के अनुसार, मुस्तफा कामिल, असद मुस्तफा, हैदर मुस्तफा, सलमान और मुनाजिर रफी ने योजनाबद्ध तरीके से मोहिनी का अपहरण करवाकर उनकी हत्या करवा दी।
इस मामले के बाद जिले में तनाव फैल गया है और विभिन्न हिंदू संगठनों और वकीलों द्वारा प्रदर्शन किए जा रहे हैं। उन्होंने सड़क जाम कर दी और हाईवे पर इंसाफ की मांग को लेकर नारेबाजी की। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। बता दें कि, 26 जनवरी 2018 को कासगंज के चन्दन गुप्ता हत्याकांड पर काफी बवाल मचा था, जब ‘तिरंगा यात्रा’ पर कट्टरपंथियों ने फायरिंग और पथराव कर दिया था, जिसमें चंदन गुप्ता की मौत हो गई थी।
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