गणेश चतुर्थी के दिन भूल से भी ना देखे चन्द्रमा वरना लगेगा ये दोष

गणेश चतुर्थी के दिन भूल से भी ना देखे चन्द्रमा वरना लगेगा ये दोष
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हर साल गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है और यह पर्व इस साल 31 अगस्त को मनाया जाने वाला है। हालाँकि इस दिन चंद्रमा के दर्शन करने की मनाही होती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन चन्द्र के दर्शन करने से मिथ्या दोष अथवा मिथ्या कलंक का सामना करना पड़ता है। अब हम आपको बताते हैं इसके पीछे की कथा।

पौराणिक कथा- जब भगवान गणेश माता पार्वती के आदेश पर घर के मुख्य पर खड़े होकर पहरा दे रहे थे। तभी भगवान शिव वहां आए और अंदर जाने लगे, तो गणेश जी ने उनको रोक दिया। बार-बार समझाने पर भी वे शिव जी को अंदर जाने से रोक दिए। तब गुस्से में महादेव ने उनका सिर काट दिया। तब तक पार्वती जी वहां आ गईं।उन्होंने शिव जी से कहा कि आपने क्या अनर्थ कर दिया, ये पुत्र गणेश हैं। आप उनको फिर से जीवित करें। माता पार्वती के कहने पर भगवान शिव ने गणेश जी को गजानन मुख प्रदान कर जीवन दिया। गजमुख के साथ दोबारा जीवन पाने पर सभी देवी देवता गणपति को आशीर्वाद दे रहे थे, लेकिन वहां मौजूद चंद्र देव गणपति को देखकर मुस्कुरा रहे थे। गणेश जी समझ गए कि चंद्र देव उनके स्वरूप को देखकर घमंड से ऐसा कर रहे हैं।

चंद्र देव को अपनी सुंदरता पर अभिमान था। वे गणपति जी का उपहास कर रहे थे। तब गणेश जी ने नाराज होकर चंद्र देव को शाप दे दिया था कि तुम हमेशा के लिए काले हो जाओगे। शाप के प्रभाव से चंद्र देव की सुंदरता खत्म हो गई और वे काले हो गए। इसके बाद चंद्र देव को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने गणेश जी से क्षमा मांगी। तब गणपति ने कहा कि आप एक मास में सिर्फ एक बार अपनी पूर्ण कलाओं से युक्त हो सकते हैं। इस वजह से ही पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी समस्त कलाओं से युक्त होते हैं। इसके साथ ही जो भी व्यक्ति मेरी पूजा के दौरान तुम्हारे दर्शन करेंगे उसे झूठे कलंक का सामना करना पड़ेगा। इसी कारण माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र के दर्शन नहीं करना चाहिए।

 

अन्य कथा- भगवान कृष्ण पर भी स्यमन्तक नाम की कीमती मणि चोरी करने का झूठा आरोप लगा था। झूठे आरोप में से परेशान भगवान कृष्ण की स्थिति देख कर नारद मुनि ने उन्हें बताया कि उन्होंने भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन चन्द्रमा को देखा था जिसकी वजह से उन्हें मिथ्या दोष का शाप लगा है। नारद मुनि से भगवान श्री कृष्ण को कहा कि गणपति ने चन्द्र देव को शाप दिया था कि जो व्यक्ति भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दौरान चन्द्र के दर्शन करेगा वह मिथ्या दोष से अभिशापित हो जायेगा और समाज में चोरी के झूठे आरोप से कलंकित हो जायेगा।

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