आप सभी जानते ही होंगे हर साल 21 जून को 'अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस' (International Yoga Day) के रूप में मनाया जाता है। जी हाँ और इसकी शुरुआत साल 2014 में हुई और उसी समय United Nations General Assembly ने आधिकारिक तौर पर इसका ऐलान कर दिया था। आप सभी को बता दें कि इसका मकसद हर आम और खास लोगों तक योग के प्रति जागरूकता पैदा करना है। आज हम आपको उस योग के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे करने से नींद अच्छी आती है और अनिद्रा की समस्या दूर हो जाती है। आइए जानते हैं इसके बारे में।
चंद्र नमस्कार से दूर होगी अनिद्रा- योग की मदद से आप नींद की कमी को दूर कर सकते हैं। जी हाँ और इसके लिए आपको एक खास विधि अपनानी होगी। जी दरअसल हम सभी में से ज्यादातर लोगों ने 'सूर्य नमस्कार' (Surya Namaskar) के बारे में जरूर सुना होगा, लेकिन आपको 'चंद्र नमस्कार' (Chandra Namaskar) के बारे में पता है। जी दरअसल इस आसन से शरीर और दिमाग को काफी राहत मिलती है। आइए जानते हैं इसे कैसे करना है?
चंद्र नमस्कार की विधि- सबसे पहले जमीन पर मैट बिछाकर खड़े हो जाएं और चंद्रमा की तरफ चेहरा करते हुए नमस्कार की मुद्रा में हाथों को छाती के सामने रख दें। इसके बाद आप सांस खींचते हुए हाथों को खोलें और सामने से पीछे की तरफ ले जाएं, इसी क्रम में आकाश की तरफ नजर डालें। अब आप सांस छोड़ते हुए हाथों को सामने लाने के क्रम में धरती को छूने का प्रयास करें और सिर को जितना हो सके घुटने के पास ले जाएं। इसके बाद बायां पैर पीछे की तरफ खिसका दें और अब दाएं घुटने को आगे की तरफ ले जाएं। आपकी नजरें आसमान की तरफ होनी चाहिए। अब आप हाथों को नमस्कार मुद्रा में पीठ की तरफ ले जाएं, ठोड़ी को ऊपर उठाएं और हाथों को ऊपर खींचते हुए शरीर को तानें और सांस लें और फिर सांस छोड़ते हुए अपने दोनों हाथ नीचे ले आएं और दाएं पैर को पीछे खींचते हुए पुरानी स्थिति में वापस आ जाएं। इसके बाद शरीर के बीच के हिस्से को ऊपर ले जाएं और फिर नीचे की तरफ रुकें।
इसके बाद हाथ, पैर, घुटने, सिर और छाती, सभी अंगों को जमीन से स्पर्श करा लें और कुछ देर इसी स्थिति में रहें। अब सांसो को खींचे और छाती को ऊपर उठाते हुए हाथों को सीधा करने की कोशिश करें और आकाश की तरफ देखें। इसके बाद सांसों को छोड़ते हुए एड़िया जमीन से लगाएं और शरीर के बीच के हस्से को ऊपर उठाएं और सिर नीचे की तरफ रखें, फिर ठोड़ी को गले से टच करें। इसके बाद सांस खींचें और बायां पैर और दोनों हाथों को बीच में ले आएं। अब कमर नीचे रखें और गर्दन पीछे ले जाएं। इसके बाद एक बार फिर हाथों को नमस्कार की मुद्रा में छाती के सामने लाएं और फिर पीछे की तरफ ले जाएं, ठोड़ी को ऊपर उठाएं और हाथों को आसमान की तरफ खींचते हुए पीठ और सिर को पीछे ले जाएं।
अब हाथ को पीछे से लाते हुए सामने की तरफ झुका दें। फिर जमीन को छूने का प्रयास करें और सिर को घुटने की तरफ ले जाएं, इसके बाद सांसों को अंदर की तरफ खींचते हुए हाथों को सामने की ओर खोलकर उठाएं और पीछे की तरफ ले जाएं। अब पीठ को मोड़ते हुए आसमान की तरफ देखें। अंत में चंद्रमा की तरफ नमस्कार की मुद्रा में हाथों को छाती के सामने ले जाएं।
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