मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर में सीएए को लेकर हुए उपद्रव के दौरान गोली लगने से मरे युवक के परिजनों ने केंद्रीय राज्यमंत्री पर उपद्रव कराने का इलज़ाम लगाया है. वहीं परिजनों ने युवक की मौत भी उपद्रवियों के बजाय पुलिस की गोली से होने का दावा करते हुए चंद्रशेखर से निष्पक्ष जांच कराए जाने व न्याय दिलाने की मांग की. जंहा यह भी कहा जा रहा है कि भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने कहा कि न्याय में देरी हो सकती है, लेकिन न्याय जरूर होना चाहिए.
सूत्रों से मिली जानकरी के अनुसार भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर से वार्ता करते हुए नूरा के परिजनों व अन्य लोगों ने कहा कि पूरा उपद्रव राज्यमंत्री व उनकी टीम ने कराया है. वहीं राज्यमंत्री ने 50-60 लोगों की टीम लेकर आए थे. जंहा इनके लोगों ने ही मेरठ रोड पर मोबाइल गैलरी में तोड़फोड़ कर आग लगाई. वाजहिं यह भी कहा जा रहा है कि एक व्यक्ति की दो लग्जरी गाड़ियां व दो अन्य गाड़ियां जला दीं और धर्मस्थल स्थल के गेट में भी आग लगाई. जंहा इस बात का इलज़ाम लगाया कि आग लगाने वाला कोई ओर नहीं एक राजनीतिक दल का सभासद है. लेकिन इसके फोटो व वीडियो सब कुछ उनके पास है, लेकिन कोई कार्रवाई करने को कोई भी राजी नहीं है.
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि युवक व परिजनों ने कहा कि मृतक ने मरने से पहले बयान दिया था कि उसे पुलिस ने गोली मारी है, लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई किसी तरह की नहीं की और मृतक के मृत्युपूर्व दिए गए बयान के बावजूद उसे उपद्रवियों की गोली लगना दिखाया गया. जंहा इस बात का खुलासा हुआ है कि परिजनों ने बताया कि इस संबंध में हमने पुलिस के खिलाफ कार्रवाई के लिए 156/3 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराने को कोर्ट में पीटिशन भी दायर की है.
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