भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का मिशन चंद्रयान-3 आज यानी शुक्रवार (14 जुलाई 2023) को लॉन्च कर दिया है । इसको चन्द्रमा की सतह पर लैंड कराना ही इसरो के लिए एकमात्र चुनौती है। अब तक केवल तीन देश ही चंद्रमा पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग कर पाए हैं। ये देश हैं संयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत संघ (अब रूस) और चीन। यहां उनके संबंधित सॉफ्ट लैंडिंग मिशनों का विवरण दिया गया है:
संयुक्त राज्य अमेरिका: संयुक्त राज्य अमेरिका ने 20 जुलाई, 1969 को अपोलो 11 मिशन के साथ चंद्रमा पर पहली मानवयुक्त लैंडिंग हासिल की। अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग और बज़ एल्ड्रिन इस मिशन के दौरान चंद्रमा की सतह पर कदम रखने वाले पहले इंसान बने। अपोलो कार्यक्रम कई अन्य सफल मिशनों के साथ जारी रहा जिसमें चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग भी शामिल थी।
सोवियत संघ/रूस: सोवियत संघ (अब रूस) ने अपने लूना कार्यक्रम के साथ चंद्रमा पर सफलतापूर्वक मानवरहित सॉफ्ट लैंडिंग पूरी की। पहली सफल सॉफ्ट लैंडिंग लूना 2 द्वारा 13 सितंबर, 1959 को की गई थी, जिससे यह चंद्रमा की सतह तक पहुंचने वाली पहली मानव निर्मित वस्तु बन गई। लूना कार्यक्रम बाद के मिशनों के साथ जारी रहा, जिसमें लूना 9 भी शामिल था, जिसने 3 फरवरी 1966 को चंद्र सतह से छवियों का पहला सफल प्रसारण हासिल किया।
चीन: चीन की अंतरिक्ष एजेंसी, चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (सीएनएसए) ने 14 दिसंबर, 2013 को चांग'ई 3 मिशन के साथ चंद्रमा पर अपनी पहली नरम लैंडिंग हासिल की। चांग'ई 3 लैंडर ने युतु रोवर को सफलतापूर्वक तैनात किया, जिससे चीन बना। चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला तीसरा देश। चीन ने तब से अपने चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम को बाद के मिशनों के साथ जारी रखा है, जिसमें 2019 में चांग'ई 4 मिशन और 2020 में चांग'ई 5 मिशन शामिल हैं।
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