अंग्रेजों के जमाने के कानूनों में बदलाव! लोकसभा में बोले अमित शाह- 'अगर मन इटली का है तो ये कानून कभी समझ नहीं आएगा'

अंग्रेजों के जमाने के कानूनों में बदलाव! लोकसभा में बोले अमित शाह- 'अगर मन इटली का है तो ये कानून कभी समझ नहीं आएगा'
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नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि 3 आपराधिक कानूनों के स्थानों पर लाए गए विधेयक गुलामी की मानसिकता को मिटाने एवं औपनिवेशिक कानूनों से मुक्ति दिलाने की नरेन्द्र मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाते हैं। अमित शाह ने भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023 एवं भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए ये भी कहा कि ‘व्यक्ति की स्वतंत्रंता, मानव के अधिकार एवं सबके साथ समान व्यवहार' रूपी तीन सिद्धांत के आधार पर ये प्रस्तावित कानून लाए गए हैं।

उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कांग्रेस पर परोक्ष हमला बोलते हुए कहा कि यदि मन इटली का है तो ये कानून कभी समझ नहीं आएगा, किन्तु यदि मन यहां का है तो समझ आ जाएगा। अमित शाह का कहना था कि आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव किया जा रहा है जो भारत की जनता का हित करने वाले हैं। अमित शाह ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी जी ने गुलामी की मानसिकता को मिटाने की दिशा में काम किया है।।। पीएम ने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि औवनिवेशिक कानून से मुक्ति मिलनी चाहिए तथा इसी के तहत गृह मंत्रालय ने कानूनों को बदलने के बारे में काम करना शुरू किया।"

अमित शाह ने कहा कि इन विधेयकों के जरिए सरकार ने तीनों आपराधिक कानूनों को गुलामी की मानसिकता से मुक्त कराया है। उनका कहना था, "पहले के कानूनों के तहत ब्रिटिश राज की सलामती प्राथमिकता थी, अब मानव सुरक्षा, देश की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है।" अमित शाह ने कहा, इस ऐतिहासिक सदन में लागबहग 150 वर्ष पुराने तीन कानून, जिनसे हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली चलती है, उन तीनों कानूनों में पहली बार मोदी जी के नेतृत्व में भारतीयता, भारतीय संविधान और भारत की जनता की चिंता करने वाले बहुत आमूल-चूल परिवर्तन लेकर मैं आया हूं। उन्होंने कहा, आतंकवाद की व्याख्या अब तक किसी भी कानून में नहीं थी। पहली बार अब मोदी सरकार आतंकवाद की व्याख्या करने जा रही है।" उन्होंने कहा कि सरकार राजद्रोह को देशद्रोह में बदलने जा रही है। अमित शाह ने सदन में कहा कि 'मॉब लिंचिंग। घृणित अपराध है एवं इस कानून में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, "मैं विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि आपने भी वर्षों देश में शासन किया है, आपने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून क्यों नहीं बनाया? आपने मॉब लिंचिंग शब्द का उपयोग केवल हमें गाली देने के लिए किया, लेकिन सत्ता में रहे तो कानून बनाना भूल गए।" शाह ने बताया, स्वतंत्रता के पश्चात् पहली बार अपराध न्याय प्रणाली से जुड़े तीनों कानूनों का मानवीकरण होगा। गृहमंत्री शाह ने लोकसभा में ये भी कहा कि नये कानूनों में महिलाओं एवं बच्चों को प्रभावित करने वाले कानूनों को प्राथमिकता दी गई है, तत्पश्चात, मानव अधिकारों से जुड़े कानूनों और देश की सुरक्षा से संबंधित कानूनों को प्राथमिकता दी गई है।

उन्होंने कहा, "मैंने तीनों विधेयकों को गहनता से पढ़ा है तथा इन्हें बनाने से पहले 158 परामर्श सत्रों में भाग लिया है।" अमित शाह ने कहा कि लंबे वक़्त पश्चात् देश की जनता ने एक ऐसी सरकार चुनी है, जिसने अपने घोषणापत्र में किए वादों को अक्षरश: लागू किया है। उन्होंने कहा, "हमने अनुच्छेद 370 हटाने का वादा किया था, हट गई... हमने कहा था कि राम मंदिर बनाएंगे, 22 जनवरी को वहां रामलला विराजमान होंगे।।।हमने कहा था कि महिलाओं को आरक्षण देंगे, हमने आरक्षण दिया... मुस्लिम माताओं-बहनों को न्याय दिलाने के लिए तीन तलाक को समाप्त किया गया।"

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