प्रत्येक वर्ष चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. पापमोचनी एकादशी के दिन प्रभु श्री विष्णु की पूजा करते हैं तथा व्रत रखते हैं. इस व्रत को करने से इंसान को कई जन्मों के पापों से मुक्ति प्राप्त होती है. प्रभु श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को पापमोचनी एकादशी व्रत की अहमियत को समझाते हुए कथा भी सुनाई थी. आज 18 मार्च दिन शनिवार को पापमोचनी एकादशी है.
भगवान विष्णु के मूल मंत्र:-
* ॐ नमोः नारायणाय॥
उपरोक्त मंत्र भगवान विष्णु का मूल मंत्र है। इस मंत्र का जाप करने से विष्णु जी अवश्य प्रसन्न होते हैं।
* ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥
श्री विष्णु का जो भी साधक इस मंत्र का जाप करते हुए ध्यान लगाता है उसे भगवत कृपा की प्राप्ति होती है।
विष्णु गायत्री मंत्र:-
* ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥
विष्णु गायत्री मंत्र के जाप से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
*मंगलम भगवान विष्णुः, मंगलम गरुणध्वजः। मंगलम पुण्डरी काक्षः, मंगलाय तनो हरिः॥
उपरोक्त विष्णु मंत्र जीवन के सभी दुखों को दूर करके जीवन में सुख और समृद्धि प्रदान करता है।
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