कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता स्थित जादवपुर विश्वविद्यालय में सोमवार (22 जनवरी) को उस समय झड़पें हो गईं, जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ता लाइव स्क्रीनिंग पर राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम देख रहे थे। इसी बीच कुछ वामपंथी छात्र और अन्य लोग वहां पहुँच गए और उन्होंने ABVP की स्क्रीनिंग को रोकने का प्रयास किया।
रिपोर्ट के अनुसार, ABVP के छात्रों ने सोमवार को अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह की सार्वजनिक स्क्रीनिंग निर्धारित की थी। हालाँकि, वामपंथी छात्र संघ, जिसमें स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (DSF), वी द इंडिपेंडेंट (WTI), और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) ने इस कदम का विरोध करते हुए तर्क दिया कि यूनिवर्सिटी के भीतर धार्मिक उपदेश नहीं होना चाहिए। इस बीच छात्र संगठनों के बीच बहस शुरू हो गई, जो हिंसक हमले में बदल गई, जिससे परिसर में सामान्य गतिविधियां बाधित हो गईं। इस झड़प में विश्वविद्यालय के एक प्रति-कुलपति भी घायल बताए जा रहे हैं।
From Jadavpur University of #Kolkata
— Hindu Voice (@HinduVoice_in) January 22, 2024
Some students organised a special Puja, Havan today on the occasion of Ram Mandir Pran Pratishtha. But, ultra-Communists students attacked them, beat them. pic.twitter.com/ZkczenhWdQ
एक अधिकारी ने बताया है कि अधिकारियों द्वारा ABVP सदस्यों से प्रसारण बंद करने के लिए कहने पर उन्होंने (ABVP ने) परिसर के अंदर 'जय श्रीराम' के नारे लगाए। प्रो वाइस चांसलर अमिताभ दत्ता ने छात्रों से नारे बंद करने को कहा, लेकिन ABVP ने लाइव स्क्रीनिंग जारी रखने की मांग की, जिसके परिणामस्वरूप हाथापाई हुई। दत्ता और एक सुरक्षा गार्ड को मामूली चोटें आईं। CPIM की छात्र शाखा, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने एक विरोध रैली आयोजित की और एक सेमिनार आयोजित किया, जिसमें "फासीवादी शासन द्वारा इतिहास को बदलने और समाज को विभाजित करने के किसी भी प्रयास" का विरोध किया गया।
ऑल बंगाल यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (ABUTA) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु और राज्यपाल सीवी आनंद बोस को एक पत्र में परिसर में धार्मिक गतिविधियों को आयोजित करने के प्रयासों के बारे में चिंता व्यक्त की, उन्होंने इसे धर्मनिरपेक्ष भावना का उल्लंघन बताया और कहा इनका शिक्षा एवं जनहित से कोई संबंध नहीं है।
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