देहरादून: केदारनाथ के बाद अब भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट भी श्रद्धालुओं के लिए खुल चुके हैं. कपाट खुलने से पहले ही बद्रीनाथ में जमकर बर्फबारी हो रही है, किन्तु इसके बावजूद भी श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर है और वे वहां जयकारे लगाने के साथ झूमते हुए दिखाई दिए. प्रति वर्ष की तरह इस साल भी पहली पूजा और आरती देश के पीएम नरेंद्र मोदी के नाम से हुई. ITBP के बैंड और गढ़वाल स्काउट्स भी इस अवसर पर प्रस्तुति दी. कपाट खुलने से पहले ही शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद मंदिर पहुंच चुके थे. मंदिर को 15 टन से ज्यादा फूलों से सजाया गया है.
#WATCH | Uttarakhand: Devotees gather outside Badrinath temple. The portals of Badrinath Dham will open at 7.10 am. The temple has been decorated with 15 quintals of marigold flowers. pic.twitter.com/us3PIcbXRT
— ANI (@ANI) April 27, 2023
बता दें कि, धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान विष्णु जहां12 महीने विराजमान होते हैं, उस सृष्टि के आठवें बैकुंठ धाम को बद्रीनाथ के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि भगवान विष्णु यहां 6 माह विश्राम करते हैं और 6 माह श्रद्धालुओं को दर्शन देते हैं. वहीं, एक अन्य मान्यता यह भी है कि साल के 6 माह मनुष्य भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, तो शेष 6 माह यहां देवता भगवान विष्णु की पूजा करते हैं, जिसमें मुख्य पुजारी खुद देवर्षि नारद होते हैं.
भारी बर्फबारी के बीच खुले आठवें बैकुंठ धाम बदरीनाथ के कपाट#Badrinath #Uttarakhand #देवभूमि_दर्शन pic.twitter.com/xbJTnBQmGr
— सृष्टि (@SriiShT) April 27, 2023
उल्लेखनीय है कि, बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चार धाम की यात्रा का श्री गणेश हो गया है. इस दिन का चयन टिहरी नरेश करते हैं, जो कि एक पुरानी परंपरा रही है. पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल के अनुसार, जिस तारीख से वैशाख आरम्भ हो, उसी तिथि से बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले जाते हैं और परंपरा के मुताबिक, नरेंद्र नगर के टिहरी नरेश की तारीख निर्धारित करते हैं. परंपराओं के मुताबिक, यहां 6 माह मनुष्य और 6 माह देवता भगवान विष्णु की आराधना करते हैं.
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