चैरिटी का गुणगान नहीं होना चाहिए : रतन टाटा

चैरिटी का गुणगान नहीं होना चाहिए : रतन टाटा
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टाटा समूह के प्रमुख रतन टाटा का कहना है कि कम्पनियो पर CSR के तहत खर्च करने की अनिवार्यता किसी कर की तरह लगती है. सरकार को लाभार्थियों को पहचानने में सरकार को मदद की आवश्यकता है. उन्होंने कहा की परमार्थ काम की भावना अंदर से आती है. उन्होंने कहा की आप जब भी कभी भलाई का काम करना चाहते है तो वो आपके अंतरमन से ही निकलता है.

आपको बता दे कि यह बात रतन टाटा ने फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग द्वारा 45 अरब डॉलर की सम्पति में से 99 प्रतिशत दान करने की घोषणा के बाद यह बात कही. उन्होंने कहा कि सरकार द्वार कम्पनियो पर अपने लाभ का 2.0 प्रतिशत CSR पर खर्च एक कर्ज की तरह लगता है.

उन्होंने कहा कि इस प्रकार की योजनाओ के लाभ भी हो सकते है. और इससे बड़ी रशिया भी आ सकती है. यह बात उन्होंने ऑनलइन शिक्षा प्लेटफॉर्म खान अकादमी के साथ गठबंधन की घोषणा के मौके पर कही. उन्होंने कहा की अच्छे काम को परमार्थ को गुणगान किये बिना ही पूर्ण करना समाज के लिए अच्छा है.

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