21 नवंबर को शुक्र के धनु राशि में प्रवेश से यहाँ पर चतुर्ग्रही योग का निर्माण होगा। धनु में शनि, केतु और बृहस्पति पहले से ही शामिल हैं ऐसे में शुक्र के धनु राशि में आने से चार ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में ऐसा कहा जाता है कि जब किसी एक राशि में दो या दो ज्यादा ग्रह बैठते हैं तो फिर कई तरह की अप्रत्याशित घटनाएं देखने को मिलती हैं। चतुर्ग्रही योग से देश में प्राकृतिक आपदाएं भी आ सकती हैं।
कब तक बना रहेगा चतुर्ग्रही योग-
ज्योतिष गणना के अनुसार धनु राशि में चतुर्ग्रही योग 15 दिसंबर 2019 तक बना रहेगा। इसके बाद 2 और ग्रह धनु राशि में आ जाएंगे जिससे ग्रहों की संख्या चार से बढ़कर 6 हो जाएगी। क्योंकि 25 दिसंबर 2019 को चंद्रमा और बुध धनु राशि में प्रवेश कर सकते है। दो दिन बाद यानि 28 दिसंबर को चंद्रमा के मकर राशि में जाने से धनु राशि में 5 ग्रह एक साथ बैठे होंगे। इसके बाद ग्रहों की ये स्थिति आने वाले वर्ष 14 जनवरी तक बनी रहेगी।
इन चार ग्रहों के लिए अशुभ है चतुर्ग्रही योग-
धनु राशि में बनने वाला चतुग्रही योग वृषभ, मिथुन मकर और स्वयं धनु के लिए हानिकारक हो सकता है। इस दौरान इन राशि वालों के जीवन में उथल-पुथल की स्थिति बनी रह सकती है। अचानक जीवन में परेशानियां आ सकती है। वहीं मेष, कर्क, वृश्चिक और कुंभ राशि के जातकों के लिए चतुर्ग्रही योग शुभफलकारक होगा। जबकि सिंह, कन्या, तुला और मीन राशि में इसका प्रभाव मिलाजुला रह सकता है।
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