नई दिल्ली: मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने आज शुक्रवार (9 अगस्त) को कहा कि भारतीय चुनाव आयोग (ECI) जम्मू-कश्मीर में जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव कराने के लिए "प्रतिबद्ध" है, साथ ही उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग "विघटनकारी ताकतों" को मुंहतोड़ जवाब देंगे। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, CEC राजीव कुमार ने कहा, "हम जल्द से जल्द चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम किसी भी आंतरिक या बाहरी ताकतों को चुनाव को पटरी से उतारने नहीं देंगे। हमें यकीन है कि जम्मू-कश्मीर के लोग विघटनकारी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देंगे।"
उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर में सभी दल विधानसभा चुनाव कराने के लिए "मजबूती से लड़ रहे हैं"। उन्होंने कहा कि, "हमने राज्य की राष्ट्रीय और मान्यता प्राप्त पार्टियों से मुलाकात की। सभी ने जम्मू-कश्मीर में सफल लोकसभा चुनावों के लिए जनता और चुनाव आयोग की प्रशंसा की। सभी ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, इसमें अच्छी भागीदारी रही और कोई भी हिंसा की घटना नहीं हुई, जिससे लोगों का विश्वास बढ़ा है। सभी पार्टियों ने मांग की कि विधानसभा चुनाव जल्द से जल्द कराए जाएं। जम्मू-कश्मीर में जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि हों, जिनका स्थानीय लोगों से बेहतर जुड़ाव हो। कमोबेश सभी राजनीतिक दल, एक या दो को छोड़कर, यह भी चाहते थे कि समान अवसर स्थापित किए जाएं।"
राजीव कुमार ने आगे कहा कि सभी की धारणा यह थी कि सभी को समान सुरक्षा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, "उनकी एक और मांग थी। राज्य में राजनीतिक पदाधिकारियों की सुरक्षा की समीक्षा की गई, जिसमें कुछ की सुरक्षा कम कर दी गई, कुछ को नहीं मिली और कुछ की सुरक्षा बढ़ा दी गई। उनकी धारणा यह थी कि सभी को समान सुरक्षा मिलनी चाहिए ताकि वे बिना किसी डर के राजनीतिक गतिविधियों में शामिल हो सकें, चाहे वे किसी भी पार्टी से हों।" उन्होंने आगे कहा कि अगर अंतिम सूची में किसी का नाम छूट गया है तो उसे 20 अगस्त तक प्रकाशित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, "हम अपील करते हैं कि सभी मतदाता सूची में अपना नाम अवश्य जांच लें।"
बता दें कि, जम्मू कश्मीर में कुल 90 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें से 74 सामान्य, नौ एसटी और सात एससी हैं। जम्मू-कश्मीर में कुल 87.09 लाख मतदाता हैं। जिनमें से 44.46 लाख पुरुष, 42.62 महिलाएं, 169 ट्रांसजेंडर, 82,590 दिव्यांग, 73943 अति वरिष्ठ नागरिक, 2660 शतायु, 76092 सेवा मतदाता और 3.71 लाख पहली बार मतदाता हैं। इस बीच, प्रवर्तन एजेंसियों, डीएम और एसपी को स्वतंत्र, निष्पक्ष और प्रलोभन मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
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