भोपाल। तकरीबन 70 साल के बाद भारत देश की धरती पर नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चितो को अब भारतीय नामों से पुकारा जाएगा। पिछले साल कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से चीतों को लाया गया था, जिसके बाद 25 सितंबर को मन की बात के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से इनके लिए नामों के सुझाव मांगे थे।
सितंबर 26 से अक्टूबर 31 तक नामों के सुझाव के लिए ऑनलाइन कॉम्पिटिशन रखा गया था। कई लोगो ने उत्साह पूर्ण इस कॉम्पिटिशन में हिस्सा लिया और लाए गए चितो के लिए कई अलग-अलग नाम भी सुझाए। जनता से मिले सुझावों के आधार पर कुछ नामों को पर्यावरण मंत्रालय द्वारा फाइनल किया गया और अबसे चितो को उनके नए नामो से पुकारा जाएगा।
बीते साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन 17 सितंबर पर सभी 8 चितो को पिंजरे से बाड़े में छोड़ा था। जनता से मिले सुझावों के अनुसार उनके नाम पवन, ज्वाला, गौरव, धात्री, शौर्य, नाभा रखा गया है, वहीं एक चिता का नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही आशा रख दिया था। बता दे कि लाए गए 8 चितो मे से साशा एक मादा चिता की मौत किडनी इंफेक्शन के चलते हो गई थी।
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