चेन्नई. मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को सूखा प्रभावित क्षेत्रो के किसानों के कर्ज माफ़ करने का आदेश दिया है, साथ ही कोर्ट ने सहकारी समितियों और बैंकों से कहा है कि वे बकाया राशि वसूलने से से बचें. बता दे कि यह फैसला नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटरलिंकिंग एग्रीकल्चरिस्ट एसोसिएशन की याचिका पर लिया गया है.
जस्टिस एस. नागामुथु और जस्टिस एमवी मुरलीधरन की बेंच ने कहा कि राज्य की वित्तीय हालत काफी खराब है, किसान सूखे रहे इस वर्ष के दौरान आत्महत्या कर रहे हैं, राज्य सरकार अकेले ही कर्ज का बोझ उठा रही है. बेंच ने सुझाव दिया कि इस मुश्किल समय में तमिलनाडु सरकार की मदद के लिए केंद्र सरकार को आगे आना चाहिए. सरकार पहले ही 5,780 करोड़ रुपये का भार अकेले उठा रही है और उस पर 1,980.33 करोड़ रुपये का बोझ और बढ़ जाएगा. इस स्थिति में केंद्र सरकार को खामोश नहीं रहना चाहिए.
बेंच ने कहा कि इस आशय के आदेश तीन महीने के अंदर जारी कर दिए जाने चाहिए. बता दे कि एग्रीकल्चरिस्ट एसोसिएशन ने याचिका में आरोप लगाया था कि सरकार ने किसानों का छोटे और मझोले में वर्गीकरण करके भेदभाव किया है.
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