कोटा : अगर मन में जिंदगी जीने का जज़्बा हो तो मौत को भी मात दी जा सकती है .इस बात को साबित कर दिया सीआरपीएफ के जांबाज कमांडेंट चेतन चीता ने जो, 9 गोलियां सीने पर खाने और दो माह तक कोमा में रहने के बाद भी जिंदगी की जंग जीतकर फिर लड़ने के लिए तैयार हो गया. यह किसी हिंदी फिल्म का सीन नहीं बल्कि हक़ीकत है.आज शुक्रवार को चेतन चीता विमान से कोटा एयरपोर्ट पहुंचे.
उल्लेखनीय है कि कोटा पहुँचते ही देश के इस वीर जवान का स्वागत करने लोग उमड़ पड़े.लोगों ने कमांडेंट चेतन चीता का ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया. इस दौरान एयरपोर्ट पर भारत माता के जयकारे भी लगे.स्वागत करने वालों में कोटा के कई जनप्रनिधि और समाजसेवी मौजूद थे.इस जाबांज़ सैनिक को देखने के लिए लोगों का उत्साह देखते ही बनता था.
बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू और कश्मीर के बांदीपुरा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में चीता बुरी तरह घायल हो गए थे. उन्हें 9 गोलियां मारी गई थी .वे करीब दो माह तक कोमा में भी रहे. लेकिन उनकी जीने की तमन्ना ने कई महीनों तक अस्पताल में रहने के बाद आखिर उन्होंने खुद को खड़ा कर ही लिया.उनके स्वस्थ होने को किसी चमत्कार से कम नहीं माना जा रहा है
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