प्रत्येक वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया चेटीचंड एवं झूलेलाल जयंती मनाई जाती है. ये दिन सिंधी समाज के लिए खास अहमियत रखता है, क्योंकि इस दिन से ही सिंधी हिंदूओं का नया वर्ष आरम्भ होता है. चेटीचंड के दिन सिंधी समुदाय के लोग भगवान झूलेलाल की श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं. मान्यताओं के मुताबिक, संत झूलेलाल वरुण देव के अवतार माने जाते हैं. आइए जानते हैं इस वर्ष चेटीचंड या झूलेलाल जयंती कब है?
चेटीचंड 2023 की दिनांक:-
पंचांग के मुताबिक, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 21 मार्च 2023 को रात 10 बजकर 52 आरम्भ होगी तथा 22 मार्च 2023 को रात 08 बजकर 20 मिनट पर समाप्त होगी. चेटीचंड का त्योहार 22 मार्च 2023 को मनाया जाएगा.
चेटी चण्ड मूहूर्त - शाम 06 बजकर 32 - रात 07 बजकर 14 (अवधि 42 मिनट)
चेटीचंड पर्व का महत्व:-
चैत्र मास को सिंधी में चेट कहा जाता है तथा चांद को चण्ड, इसलिए चेटीचंड का अर्थ हुआ चैत्र का चांद. चेटीचंड को अवतारी युगपुरुष भगवान झूलेलाल के जन्म दिवस के तौर पर जाना जाता है. भगवान झूलेलालजी को जल और ज्योति का अवतार माना गया है. कहा जाता हैं कि प्राचीन काल में जब सिंधी समाज के लोग जलमार्ग से यात्रा करते थे. ऐसे में वे अपनी यात्रा को सकुशल बनाने के लिए जल देवता झूलेलाल से प्रार्थना करते थे तथा यात्रा कामयाब होने पर भगवान झूलेलाल का आभार जताया जाता था. इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए चेटीचंड का त्योहार माना जाता है. मान्यता भगवान झूलेलाल की पूजा से मनुष्य की प्रत्येक बाधा दूर होती है तथा व्यापार-नौकरी में तरक्की के मार्ग सरल होते है.
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