पटना/ नई दिल्ली : बिहार सहित देश के कई राज्यों में मनाया जाने वाला चार दिवसीय छठ महापर्व आज शुक्रवार सुबह उदित होते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया.उगते सूरज को अर्घ्य देने के लिए घाटों पर कल रात से ही भीड़ जमा होने लगी थी.
उल्लेखनीय है कि लोक आस्था का यह छठ महापर्व मंगलवार को नहाए-खाए के साथ शुरू हुआ था. बुधवार को खरना किया गया, जबकि गुरुवार को अस्ताचलगामी (डूबते हुए) सूर्य को अर्घ्य दिया गया, वहीँ आज शुक्रवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ इस व्रत का समापन हुआ.बिहार-झारखंड, दिल्ली-एनसीआर सहित पूरे देश में घाट पर छठ पूजा के अंतिम दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे.
आपको बता दें कि चौथे व अंतिम दिन को पारन कहा जाता है. इस दिन व्रती सूप में ठेकुआ, सठौरा जैसे परंपरागत पकवानों के साथ ही केला, गन्ना सहित विविध फल रखकर उगते सूर्य को अर्ध्य देते हैं उसके बाद इस पर्व का समापन हो जाता है.
लेकिन आस्था का यह पर्व अब सियासत के जाल में उलझता नज़र आ रहा है.मुंबई में छठ पूजा राजनीति का माध्यम बन जाती है, क्योंकि मुंबई में पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं बिहार के करीब 40 लाख लोग निवास करते हैं.हिंदीभाषियों की इतनी बड़ी आबादी महानगर के राजनीतिक दलों को भी लुभाती रही है.
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