बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा त्योहार छठ पूजा आने वाले 20 नवंबर को है लेकिन इसकी शुरुआत आज से ही हो गई है। जी हाँ, इसके उत्सव की शुरुआत आज से हो रही है और इसमें छठ मैया का पूजन और सूर्य को अर्घ्य दिया जाना शामिल है। आज यानी की पहले दिन 18 नवंबर को नहाय-खाय है, उसके बाद कल यानी 19 नवंबर को खरना है, उसके बाद परसो यानी 20 नवंबर को छठ पूजा है और 21 को सुबह सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। आप सभी को बता दें कि यह सूर्य और प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने का पर्व माना जाता है। वैसे आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर कौन हैं छठ माता।।।।?
कौन हैं छठ माता- कहा जाता है छठ माता सूर्यदेव की बहन हैं। जो लोग इस तिथि पर छठ माता के भाई सूर्य को जल चढ़ाते हैं, उनकी मनोकामनाएं छठ माता पूरी कर देती हैं। इसी के साथ कहा जाता है छठ माता बच्चों की रक्षा करने वाली देवी हैं। उनके व्रत को किया जाए तो संतान को लंबी आयु मिलती है। मार्कण्डेय पुराण में बताया गया है कि प्रकृति ने अपने आप को छह भागों में विभाजित किया है। प्रकृति के छठे अंश को सर्वश्रेष्ठ मातृ देवी के रूप में जानते हैं, जो ब्रह्मा की मानस पुत्री हैं। ऐसी भी मान्यता है कि देवी दुर्गा का छठवां रूप कात्यायनी ही छठ मैया हैं।
साल में दो बार मनाते हैं पर्व- छठ पर्व साल में दो बार मनाया जाता है। इनमे पहली बार चैत्र में यह पर्व मनाया जाता है और दूसरी बार कार्तिक में इस पर्व को मनाया जाता है। आपको बता दें कि चैत्र शुक्लपक्ष षष्ठी पर मनाए जाने वाले छठ पर्व को चैती छठ और कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाए जाने वाले पर्व को कार्तिक छठ कहते हैं।
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