सनातन धर्म में प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का पर्व मनाया जाता है। षष्ठी तिथि को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है। छठ पूजा का आरम्भ नहाए खाय से होता है तथा अगले दिन खरना मनाया जाता है। छठ पूजा का त्योहार बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित देश कई भागों में धूमधाम के साथ मनाते हैं। मान्यता है कि छठ पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि व खुशहाली का आगमन होता है। वहीं, इस वर्ष नहाए खाए के साथ यानि 17 नवंबर से लोकआस्था का महापर्व आरम्भ हो रहा है जो कि 20 नवंबर तक चलेगा। ऐसे में आइये आपको कुछ पूजा सामग्री बताने जा रहे हैं जिनके बिना पूजा को पूर्ण नहीं माना जाता। आइए जानते हैं...
इन 7 चीजों के बिना पूरी नहीं होती छठ पूजा:-
1- छठ की पूजा में बांस की टोकरी का खास महत्व होता है। कहा जाता है बांस शुद्ध होता है तथा इसमें पूजा की सभी सामग्री को रखकर अर्घ्य देने के लिए पूजा स्थल तक लेकर जाते हैं।
2- आपको बता दें कि छठ में ठेकुए का प्रसाद सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। दरअसल गुड़ और आटे से मिलाकर ठेकुआ बनता है।
3- आपको बता दें कि छठ की पूजा में गन्ने का भी खास महत्व माना जाता है। अर्घ्य देते समय पूजा की सामग्री में गन्ने का होना सबसे जरूरी समझा जाता है।
4- छठी माई की पूजा करने में केले का पूरा गुच्छ मां को अर्पित किया जाता है।
5- छठ के चलते अर्घ्य देने के लिए जुटाई गई सामग्रियों में पानी वाला नारियल भी अहम माना जाता है। इसका भोग लगाने के बाद इसे प्रसाद के रूप में वितरित करते हैं।
6- छठ के चलते खट्टे के तौर पर छठ मैय्या को डाभ नींबू भी अर्पित किया जाता है। यह नींबू अंदर से लाल और ऊपर से पीला होता है।
7- छठ पूजा में चावल के लड्डू (जो एक खास प्रकार के चावल से बनाए जाते हैं) चढ़ाना जरुरी होता है।
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