नई दिल्ली: छठ पर्व से पहले दिल्ली जल बोर्ड (DJB) द्वारा इसे साफ करने के दावों के बावजूद दिल्ली में यमुना नदी जहरीले झाग से ढकी हुई है। प्रदूषित पानी के कारण श्रद्धालुओं, विशेषकर छठ व्रत करने वाली महिलाओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इससे राजनीतिक तनाव भी बढ़ गया है और भाजपा ने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर त्योहार मनाने वालों की भावनाओं की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है।
अब तो 8 साल हो गए
— Social Tamasha (@SocialTamasha) November 17, 2023
यमुना कब साफ़ होगा @ArvindKejriwal ? pic.twitter.com/sMNgEaMI09
छठ पूजा और झागभरी यमुना:-
बता दें कि, यमुना का जहरीला झाग श्रद्धालुओं, विशेषकर महिलाओं के लिए स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है, जो छठ पर्व के दौरान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घुटनों तक पानी में उतरते हैं। दिल्ली जल बोर्ड (DJB) झाग को खत्म करने के लिए रासायनिक छिड़काव करता है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी रहती है, जिससे पूजा करने वालों की सुरक्षा और भलाई के बारे में चिंता बढ़ जाती है।
जल मंत्री आतिशी मार्लेना का आश्वासन और बीजेपी की आलोचना:
बता दें कि, दिल्ली सरकार की जल मंत्री आतिशी मार्लेना ने दावा किया था कि खाद्य-ग्रेड रसायनों के उपयोग सहित प्रयासों से दो दिनों में झाग खत्म हो जाएगा। हालाँकि, यह दावा हवा-हवाई प्रतीत होता है, जिसके कारण भाजपा उसकी आलोचना कर रही है। यमुना जल पर सफेद झाग की परत को छठ मनाने वाले पूर्वांचली लोगों की भावनाओं को संबोधित करने में विफलता के रूप में देखा जाता है। वही, आतिशी का कहना है कि, यूपी से ही यमुना प्रदूषित होकर दिल्ली में प्रवेश करती है, हालाँकि, मंत्री होने के बावजूद वो भूल जाती हैं कि, दिल्ली के बाद यमुना नदी यूपी में प्रवेश करती है, यूपी से दिल्ली में नहीं आती।
AAP की आतिशी मार्लेना के मुताबिक, उल्टी यमुना यूपी से दिल्ली की ओर बहती है ???????? pic.twitter.com/58h5xJUbZ8
— ????_कीर्ति_चौहान_???? (@kirtiRANA7773) November 17, 2023
लगातार चुनौतियाँ और पर्यावरणीय चिंताएँ:
उल्लेखनीय है कि, वर्ष 2013 में आम आदमी पार्टी (AAP) दिल्ली में सत्ता में आई थी और अरविंद केजरीवाल पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। तब से केजरीवाल दावा करते रहे हैं कि, अगली छठ पूजा तक यमुना साफ कर दूंगा और आपके साथ मैं भी डुबकी लगाऊंगा, लेकिन 10 साल बीत गए, आज तक न तो यमुना साफ हुई और न ही सीएम केजरीवाल ने डुबकी लगाई। कभी जीवन रेखा रही यमुना नदी धीरे-धीरे प्रदूषित जल निकाय में तब्दील हो रही है, जिससे पर्यावरण और स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो रहा है। चूंकि यमुना नदी में जहरीले झाग की समस्या बनी हुई है, इसलिए छठ त्योहार समारोहों पर प्रभाव और व्यापक पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में चिंताएं बनी हुई हैं। यमुना के पारिस्थितिक स्वास्थ्य की बहाली सुनिश्चित करने के लिए प्रदूषण के मूल कारणों को संबोधित करना अनिवार्य हो जाता है।
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