रायपुर: कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के बीच डॉक्टरों पर भी इसके दबाव का असर नज़र आ रहा है. छत्तीसगढ़ के रायपुर से एक मामला प्रकाश में आया है. जहां पर एक जीवित बुजुर्ग महिला को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया और परिवार वाले उसे अंतिम संस्कार के लिए लेकर श्मशान घाट पहुंच गए. श्मशान में पूरी तैयारी हो चुकी थी, बस महिला को चिता पर रखना गया था.
इस दौरान परिवार वालों ने देखा कि महिला की पल्स चल रही है. उन्होंने फ़ौरन ही डॉक्टर को श्मशान घाट पर पल्स चेक करने के लिए बुलाया और डॉक्टर ने जांच करके महिला को जीवित घोषित कर दिया. रायपुर की निवासी 73 साल की लक्ष्मीबाई अग्रवाल दोपहर तीन से चार बचे खाना खाते वक़्त अचनाक बेहोश हो गईं. इसके बाद उन्हें तुरंत ही उपचार के लिए अंबेडकर अस्पताल में ले जाया गया. इमरजेंसी में उनका उपचार शुरू किया और उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई.
उपचार के दौरान डॉक्टरों ने बुजुर्ग महिला का ECG किया और कुछ देर बाद बाद में मृत घोषित कर परिवार वालों को सूचना दे दी. फिर परिजन लाश को लेने अस्पताल पहुंचा और एंबुलेंस से शव को मुक्ति धाम ले गए. जहां पर अंतिम संस्कार की पूरी तैयारी कर दी. अंतिम समय पर मौके पर मौजूद लोगों ने देखा कि बुजुर्ग महिला की सांसें चल रही हैं. फ़ौरन एक प्राइवेट डॉक्टर को चेकअप के लिए बुलाया गया. डॉक्टर ने बताया कि पल्स चल रही हैं और जल्दी से इन्हें अस्पताल लेकर जाएं. फिर से महिला को आंबेडकर अस्पताल ले जाया गया, जहां पुनः उसे मृत घोषित कर दिया.
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