दुनिया में अजीब परम्पराएं निभाई जाती हैं. उनमे से भारत देश भी एक है जिसमें कई अनोखे काम सुनने को मिलते हैं. ऐसे ही हम कुछ और रीती रिवाज के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको हैरान कर देंगे. भारत का हर क्षेत्र अपने विभिन्न रीती-रिवाजों के लिए जाना जाता हैं. आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर एक अनोखा रिवाज हैं और उसके तहत भाई-बहन आपस में शादी करते हैं. तो आइये जानते हैं इसके बारे में.
शादी को लेकर बहुत सी परंपरा होती हैं जिन्हें निभाया जाता है, लेकिन कहीं भी ऐसा नहीं होता कि भाई बहन की ही शादी करवा दी जाये. लेकिन छत्तीसगढ़ में एक धुरवा आदिवासी समाज है, जहां पर यह परंपरा निभाई जाती है. दरअसल, छत्तीसगढ़ में बस्तर की कांगेरघाटी के इर्द-गिर्द बसे धुरवा जाति के लोग बेटे-बेटियों की शादी में अग्नि को नहीं बल्कि पानी को साक्षी मानते हैं. यानि भाई बहन ही शादी के बंधन बंध जाते हैं.
इस समाज की सबसे अलग प्रथा है कि इनके यहां बहन की बेटी से मामा के बेटे (ममेरे फुफेरे भाई बहन) की शादी होती है. इसी के साथ अगर कोई ऐसा करने से मना करता है तो उस पर जुर्माना लगाया जाता है. यहीं नहीं यहां बाल विवाह का भी चलन है. हालांकि, अब इस परंपरा को धीरे-धीरे खत्म करने के लिए कोशिशें शुरू हो गई हैं.
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