रायपुर: कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहे हमारे देश में हालात लागतार बिगड़ते जा रहे हैं। दैनिक आंकड़ों के साथ ही मौतों की संख्या और भी डराने लगी है। इस बीच छत्तीसगढ़ से राजनंदगांव से जो तस्वीर सामने आई है, वो स्थिति को स्पष्ट जाहिर करती है। दरअसल, इस जिले में कोरोना से जिन लोगों की मौत हुई, उनका शव ढोने को शव वाहन तक नहीं मिला। उनके शवों को नगर पंचायत के कचरा फेंकने वाले वाहन में भरकर ले जाया गया। तस्वीर में कुछ लोग पीपीई किट पहने कचरे की गाड़ी में शवों का लाते नज़र आए।
वहीं, बेड की कमी से निपटने के लिए, राजनांदगांव के प्रेस क्लब ने अपने परिसर को एक कोरोना केंद्र में तब्दील कर दिया है, जहाँ संक्रमितों का उपचार मुफ्त किया जा रहा है। प्रेस क्लब के सदस्यों ने उन रोगियों के लिए 30 बिस्तरों का प्रबंध किया है, जो स्पर्शोन्मुख हैं। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया है कि छत्तीसगढ़ में बुधवार को 14,250 नए कोरोना केस सामने आए थे और 120 से अधिक मौतें हुईं थीं, जिससे संक्रमितों की तादाद 4,86,244 हो गई है और मौत का आंकड़ा 5,307 हो गया है। राज्य में पिछले एक महीने में 1.68 लाख से अधिक केस सामने आए और 1,417 लोगों ने जान गंवाई हैं।
वहीं, देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना मरीजों की तादाद बढ़ने के साथ ही ऑक्सीजन की डिमांड भी बढ़ गई है। ऑक्सीजन आपूर्ति करने वाले व्यापारियों की माने तो वर्तमान में दिल्ली में 350-400 टन तक ऑक्सीजन की डेली डिमांड है। यह आम दिनों की तुलना में पांच गुना ज्यादा है। सामान्य दिनों में 80-100 टन तक ही ऑक्सीजन की मांग होती है। बताया जा रहा है कि अस्पतालों में कोविड मरीजों की तादाद के कारण यह मांग बढ़ी है।
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मोतीलाल ओसवाल ने कहा- "यह वित्त वर्ष 2017-18 में कंपनियों द्वारा जुटाई..."