रायपुर: छत्तीसगढ़ में हुए पिछले विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार जनता ने सबसे ज्यादा 23 दागी नेताओं को विधायक बना दिया है. इसमें 19 तो कांग्रेस के विधायक हैं, जबकि तीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और एक जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ का विधायक शामिल हैं. 2013 चुनावों में 14 दागी विधायक विधानसभा पहुंचने में कामयाब हुए थे, 2013 के विधानसभा चुनाव में 983 उम्मीदवार मैदान में थे, इसमें से 113 ने आपराधिक मामलों में लिप्त होने की घोषणा की थी.
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इसका मतलब यह कि, आपराधिक मामलों वाले 11 प्रतिशत उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था, जिसमें से सात फीसद (66 विधायक) तो गंभीर आपराधिक मामलों में लिप्त थे. पिछले चुनाव से तुलना की जाए तो 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या के साथ आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों की भी संख्या में भी वृद्धि हुई है.
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इस बार 1256 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे, जिसमें से 145 आपराधिक मामले वाले थे. यह कुल उम्मीदवारों का 12 प्रतिशत है. इसमें से गंभीर आपराधिक मामलों के 98 प्रत्याशी थे, जो कि कुल उम्मीदवारों का आठ फीसद है. पिछले चुनाव में आपराधिक मामले वाले 113 उम्मीदवारों में से 14 विधायक बने थे, यह 12.38 प्रतिशत था. इस बार आपराधिक मामले वाले 145 उम्मीदवारों में से 23 उम्मीदवार विधायक बने हैं, यह 15.86 प्रतिशत है.
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