नई दिल्ली: टूलकिट मामले में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने राज्य के पूर्व सीएम और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह तथा पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ जाँच रोकने के आदेश दिए हैं। दोनों ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी (FIR) को निरस्त करने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी।
बता दें कि कांग्रेस की छात्र ईकाई NSUI के छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा की शिकायत पर रायपुर सिविल लाइन पुलिस ने 19 मई को प्राथमिकी दर्ज की थी। रमन सिंह और संबित पात्रा को पूछताछ का नोटिस भी भेजा गया था। शर्मा ने आरोप लगाया था कि संबित पात्रा कांग्रेस के लेटरहेड के जरिए फर्जी डॉक्यूमेंट शेयर कर रहे हैं और टूलकिट के बहाने पार्टी पर झूठे इल्जाम लगा रहे हैं। वहीं रमन सिंह पर समुदायों के बीच तनाव पैदा करने का आरोप लगाया गया था।
उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार व्यास ने सुनवाई करते हुए कहा कि दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दुर्भावना और राजनीतिक द्वेष की वजह से दर्ज की गई थी। उन्होंने कहा, “तथ्यों और प्राथमिकी के अवलोकन के बाद प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई केस नहीं बनता है। स्पष्ट रूप से याचिकाकर्ता के खिलाफ दुर्भावना या सियासी द्वेष के कारण कार्यवाही की गई है।” इस आधार पर कोर्ट ने दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जाँच जारी रखने पर रोक लगा दी। अदालत ने माना कि जाँच जारी रखना कानून का गलत इस्तेमाल होगा।
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