रायपुर: छत्तीसगढ़ में नक्सली हमलों की घटनाएं बढ़ती ही जा रही है। अब बीते 3 दिनों में यहाँ तीसरा नक्सली हमला सामने आया है। सुकमा जिले के भेज्जी थाने से केवल आधा किलोमीटर दूर पुलिस के दो जवानों का क़त्ल कर दिया गया है। ये घटना ऐसे वक़्त में सामने आई है, जब बीजापुर में अर्धसैनिक बलों के 22 जवानों की नक्सलियों द्वारा हत्या किए जाने का ग़म देश भूला नहीं है। ताज़ा मामले में दोनों मृतक भेज्जी पुलिस थाने में ही पदस्थ थे।
थाने के पास ही एक पुलिस शिविर भी है। गुरुवार को दोनों जवान बाइक से बाजार की ओर जा रहे थे, तभी इनका रास्ता रोक कर किसी ने धारदार हथियार से गला रेत डाला और मौके से भाग निकले। इस हमले को लेकर ग्रामीणों ने भी चुप्पी साधी हुई है। पुलिस अधीक्षक केएल ध्रुव ने बस इतना कहा है कि मामले की छानबीन की जा रही है। मृतक जवानों की शिनाख्त पुनेम हड़मा और धनीराम कश्यप के रूप में हुई है।
मीडिया ने ग्रामीण सूत्रों के हवाले से अंदेशा जताया है कि इस अटैक के पीछे नक्सलियों की ‘स्मॉल एक्शन टीम’ का हाथ हो सकता है। इस टीम में दो-चार नक्सली ही होते हैं लेकिन वो खतरनाक हथियारों से छोटे हमले करते हैं। ये टीमें शिविर से बाहर निकलने वाले पुलिसकर्मियों पर निगाहर रखती है। ये नक्सली ग्रामीणों के बीच ही आम आदमी बन कर रहते हैं और इनके प्रभाव की वजह से इन्हें चिह्नित कर पाना बड़ा मुश्किल होता है।
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