सोमवार से आयकर विभाग ने मध्य प्रदेश के चर्चित हनी ट्रैप मामले की जांच प्रांरभ कर दी है. आयकर विभाग के इस कदम के बाद हनी ट्रैप मामले में और तथ्य सामने आने की संभावना है. इस मामले की मुख्य आरोपित श्वेता विजय जैन को इंदौर जेल से भोपाल स्थित आयकर दफ्तर लाया गया. यहां अफसरों ने उससे घंटों पूछताछ की. श्वेता के पास से एसआइटी को नकदी, सोने के जेवरात व अचल संपत्ति के दस्तावेज मिले थे. श्वेता ने भोपाल में मीडिया के सवालों पर कहा-'मुझे छूट जाने दीजिए, मैं आप लोगों को सब कुछ बता दूंगी.'
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हनी ट्रैप मामला उजागर होने के बाद जांच के लिए गठित मप्र पुलिस की एसआइटी ने श्वेता से करीब 62 लाख रुपये नकद, 27 लाख से ज्यादा के स्वर्ण आभूषणों व अन्य संपत्ति बरामद की थी. एसआइटी ने इसके बारे में आयकर को रिपोर्ट भेजी थी. इसीआधार पर आयकर ने श्वेता को समन जारी कर 13 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया था. आयकर के मुख्यालय में उससे निदेशक विनोद गोयल के मार्गदर्शन में घंटों पूछताछ की गई.
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इस मामले को लेकर भोपाल पहुंचने पर श्वेता ने मीडिया के सवालों पर पहले तो नो कमेंट कहा, फिर बोली कि मैं सब बता दूंगी. मुझे छूट जाने दीजिए. सब बयान दूंगी. एक सवाल के जवाब में उसने कहा कि आप लोगों ने इस मामले में इतना अच्छा छाप दिया है कि मेरे कहने लायक कुछ बचा ही नहीं है. ज्ञात हो कि 17 सितंबर 2019 को इंदौर नगर निगम के निलंबित इंजीनियर हरभजन सिंह ने पलासिया थाने पर ब्लैकमेलिंग की रिपोर्ट लिखवाई थी. उसके आधार पर पुलिस ने आरती सिंह, मोनिका यादव, श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा भटनागर और ओमप्रकाश को गिरफ्तार किया था. आरोपित अभिषेक ठाकुर और एक अन्य फरार है.
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