नई दिल्ली: न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ आज भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश बन चुके हैं। आज यानी बुधवार को उन्होंने नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली है। जी दरअसल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में पद की शपथ दिलाई। इस शपथ ग्रहण समारोह के बाद मीडिया को दिए अपने पहले बयान में, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, "आम नागरिक की सेवा करना मेरी प्राथमिकता है।"
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उन्होंने रजिस्ट्री और न्यायिक प्रक्रियाओं में सुधार का भी वादा किया। उन्होंने कहा कि "मेरी बातों से ज्यादा मेरा काम बोलेगा।" इसी के साथ उन्होंने कहा कि "राष्ट्र की सेवा करना मेरी प्राथमिकता है। हम भारत के सभी नागरिकों की रक्षा करेंगे, चाहे वह टेक्नोलॉजी या रजिस्ट्री सुधारों, या न्यायिक सुधारों से जुड़े मामले में हो।" इस दौरान उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में महात्मा गांधी की प्रतिमा को श्रद्धांजलि अर्पित की। आपको बता दें कि न्यायमूर्ति डी। वाई। चंद्रचूड़ अयोध्या विवाद, निजता का अधिकार जैसे अहम मुकदमों में फैसले देने वाली पीठ का हिस्सा रहे हैं।
आपको जानकारी दे दें कि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ देश में सबसे लंबे समय तक सीजेआई रहे न्यायमूर्ति वाई। वी। चंद्रचूड़ के बेटे हैं। उनके पिता 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक भारतीय न्यायपालिका के प्रधान रहे थे। केवल यही नहीं बल्कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय के सात दशक से अधिक लंबे इतिहास में यह पहला मौका है जब एक पूर्व प्रधान न्यायाधीश के बेटे इस पद पर आसीन हुए। आपको यह भी बता दें कि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 तक दो साल के लिए इस पद पर रहेंगे, ऐसा इसलिए क्योंकि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश 65 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होते हैं।
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