नई दिल्ली: कोरोना वायरस से जंग करने के लिए सरकार लॉकडाउन सहित कई महत्वपूर्ण फैसले ले रही है. इसके बाद भी कई ऐसे लोग हैं जो इस भयानक आपदा की गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं. मद्रास हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एपी शाही ने एक पत्र के माध्यम से अपने कानूनी समुदाय के लोगों को याद दिलाते हुए लिखा कि कोरोना वायरस से लड़ना हम सबका कर्तव्य है. सुभाष चंद्र बोस ने हमें इस प्रकार के कर्तव्यों का आभास कराते हुए कहा था कि देश को स्वस्थ और शांतिपूर्ण वातावरण को बरक़रार रखने के लिए लड़ना हमारा कर्तव्य है.
जैसा की सभी जानते हैं कि नेताजी बोस ने कहा था कि ''एक सैनिक के रूप में आपको हमेशा तीन आदर्शों को संजोना और उन पर चलना होगा: सच्चाई, कर्तव्य और बलिदान. जो सिपाही हमेशा अपने राष्ट्र के प्रति वफादार रहता है, जो हमेशा अपना जीवन बलिदान करने को तत्पर रहता है, वो अजेय है. यदि तुम भी अजेय बनना चाहते हो तो इन तीन आदर्शों को अपने दिल में समाहित कर लो.''
सुभाष चंद्र बोस ने कहा था, 'ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी आज़ादी का मोल अपने खून से चुकाएं. हमें अपने बलिदान और मेहनत से जो आजादी मिली, हमारे भीतर उसकी रक्षा करने की ताकत होनी चाहिए.' दरअसल, आज के दौरान में कोरोना वायरस पूरी मानवता के लिए खतरा बना हुआ है. ऐसे में देश को पहले जैसा माहौल वापस देना, नागरिक होने के नाते हमारा कर्तव्य है. यदि देश के सभी लोग इस महामारी से बचाने में अपनी भूमिका नहीं देंगे तो भारत का काफी नुकसान होगा.
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