इंदौर: आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इंदौर दौरे पर वे अभयप्रशाल में सांस्कृतिक एवं नैतिक प्रशिक्षण संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान सांसद शंकर लालवानी एवं मेयर पुष्यमित्र भार्गव एवं अन्य गणमान्यजन हस्तियां भी उपस्थित रही। इस अवसर पर 75 महापुरुषों के जीवन पर केंद्रित पुस्तक आजादी के मतवाले का लोकार्पण किया भी मुख्यमंत्री द्वारा किया गया। 75 बच्चों ने पुस्तक में वर्णित महापुरुषों की वेशभूषा में मंच पर आकर हम सबका हृदय जीत लिया। मुख्यमंत्री ने कहा की मेरे बच्चों, 5 हजार साल से अधिक का हमारे देश का ज्ञात इतिहास है। तथाकथित विकसित देशों में जब सभ्यता का उदय हो रहा था, तब हमारे यहां ऋचाएं रची जा रही थीं। उन्होंने कहा दूसरे विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन हुआ। लेकिन भारत के ऋषियों ने हजारों साल पहले कह दिया था।
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्। यह केवल भारत ने कहा है, मां भारती की परतंत्रता की बेड़ियों को तोड़ने के लिए अनेक वीरों ने बलिदान दिया। शहीद चंद्रशेखर आजाद को बचपन में अंग्रेजों ने भारत माता की जय का उद्घोष करते हुए पकड़ लिया और 15 कोड़े की सजा दी। शरीर पर जब कोड़ा लगा, तो भारत माता की जय का उद्घोष गूंजा। जब अमर शहीद श्री चंद्रशेखर आजाद की सजा पूरी हुई तो उन्होंने कहा कि अंग्रेजों एक बार तो तुमने मेरे हाथ में हथकड़ी तो लगा दी, लेकिन दोबारा जीते जी मेरे हाथों में हथकड़ी नहीं लगा पाओगे। देशभक्त, चरित्रवान, ईमानदार, मेहनती और कर्मठ नागरिक ही देश बनाते हैं।
मुक्यमंत्री ने कहा की सियाराम मय सब जग जानी! एक ही चेतना सब में है। मनुष्य के साथ सभी जीवों से भी हम प्रेम करें। केवल जीवों से नहीं, पौधे, पशु-पक्षियों, नदियों, पहाड़ों से भी प्रेम करो। मेरे बच्चों, आप सबसे आग्रह करता हूं कि अपने जन्मदिन और शुभ अवसर पर एक पौधा अवश्य लगाओ। ऑक्सीजन प्रदान करने के लिए वृक्षों के प्रति आभार प्रकट करो। मेरे बच्चों, आप आज संकल्प लीजिये कि देश के लिए जीयेंगे। माता-पिता, गुरुजनों का सम्मान करेंगे। पर्यावरण बचाने के संकल्प में भी सहयोगी बनेंगे। देश सेवा करेंगे और आवश्यकता पड़ी तो सर्वस्व न्योछावर कर देंगे।
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